तेहरान: ईरान ने पिछले महीने इजरायल के साथ युद्ध के दौरान अमेरिकी हमले में अपनी परमाणु सुविधाओं को गंभीर नुकसान की बात कबूल की है। लेकिन इस युद्ध में ईरान को एक बहुत बड़ा नुकसान हुआ, जो उसके परमाणु बम बनाने के सपने के लिए बहुत बड़ा झटका है। ये नुकसान युद्ध खत्म होने के बस कुछ घंटे पहले हुआ, जब इजरायल ने मिसाइल हमले में एक ईरानी परमाणु वैज्ञानिक को मार दिया, जिसके ऊपर परमाणु हथियार के विस्फोटक कोर को विकसित करने की जिम्मेदारी थी। ईरान इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।
युद्धविराम से तीन घंटे पहले परमाणु वैज्ञानिक को मारा
रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद रजा सदीघी को युद्धविराम शुरू होने से तीन घंटे से भी कम समय पहले तीन मिसाइलों से निशाना बनाया गया था। रिपोर्ट में रजा सदीघी को ईरान के लिए परमाणु बम हासिल करने की उम्मीद बताया गया है। ईरान के सीक्रेट न्यूक्लियर प्रोजेक्ट में शामिल विस्फोटक विशेषज्ञ रजा सदीघी को युद्ध शुरू होने के पहले दिन ही निशाना बनाया गया था, लेकिन वह उस दौरान बच गए थे। उन्हें आखिरी दिन युद्धविराम शुरू होने के पहले तेहरान के उत्तर-पश्चिम में गिलान प्रांत के अस्तानेह अशरफीह शहर में मारा गया।
सदीघी की छिपाई गई थी पहचान
रिपोर्ट में बताया गया है कि सदीघी के काम को पूरी तरह से छिपाकर रखा गया था और उन्हें सार्वजनिक रूप से एक रिसर्चर के रूप में पेश किया गया, जो रक्षा मंत्रालय से निर्मित एक ईरानी कोविड-19 वैक्सीन के विकास में शामिल था। इस तरह ईरान के सैन्य परमाणु कार्यक्रम में उनकी भूमिका छिप गई थी। दिलचस्प बात है कि उनके परिवार को भी उनके असली काम के बारे में पता नहीं था।
फखरीजादेह के साथ किया काम
सदीघी ने ईरानी पत्रिकाओं में विस्फोटकों और परमाणु हथियारों के विकास पर कई शोधपत्र प्रकाशित किए थे। गिलान प्रांत के नियाकू गांव में 1974 में जन्मे सदीघी ने परमाणु इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी। वे तेहरान के मलेक अश्तर प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय से जुड़े थे, जो रक्षा मंत्रालय का एक हथियार विकास संस्थान है। इसका नेतृत्व पहले शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह करते थे। फखरीजादेह को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का जनक कहा जाता है। उनकी 2020 में तेहरान के पास हत्या कर दी गई थी।
पत्नी और बच्चों समेत की गई हत्या
सदीघी ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम में एक प्रमुख व्यक्ति थे और 1990 से विस्फोटक अनुसंधान में शामिल थे। 13 जून को इजरायल ने ईरान पर हमले के पहले दिन 9 ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को मार दिया था। इस हमले में सदीघी बच गए थे। हालांकि, उनका 17 साल का बेटा मारा गया था। इजरायली सेना ने 23 जून को सुबह 1:07 बजे तड़के, युद्धविराम से कुछ घंटों अंतिम घंटों में उनके आवास को निशाना बनाकर तीन मिसाइलें दागीं। इस हमले में सदीघी के साथ उनके बच्चों, पत्नी और उनके परिवार सहित 15 अन्य लोग मारे गए।
युद्धविराम से तीन घंटे पहले परमाणु वैज्ञानिक को मारा
रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद रजा सदीघी को युद्धविराम शुरू होने से तीन घंटे से भी कम समय पहले तीन मिसाइलों से निशाना बनाया गया था। रिपोर्ट में रजा सदीघी को ईरान के लिए परमाणु बम हासिल करने की उम्मीद बताया गया है। ईरान के सीक्रेट न्यूक्लियर प्रोजेक्ट में शामिल विस्फोटक विशेषज्ञ रजा सदीघी को युद्ध शुरू होने के पहले दिन ही निशाना बनाया गया था, लेकिन वह उस दौरान बच गए थे। उन्हें आखिरी दिन युद्धविराम शुरू होने के पहले तेहरान के उत्तर-पश्चिम में गिलान प्रांत के अस्तानेह अशरफीह शहर में मारा गया।
सदीघी की छिपाई गई थी पहचान
रिपोर्ट में बताया गया है कि सदीघी के काम को पूरी तरह से छिपाकर रखा गया था और उन्हें सार्वजनिक रूप से एक रिसर्चर के रूप में पेश किया गया, जो रक्षा मंत्रालय से निर्मित एक ईरानी कोविड-19 वैक्सीन के विकास में शामिल था। इस तरह ईरान के सैन्य परमाणु कार्यक्रम में उनकी भूमिका छिप गई थी। दिलचस्प बात है कि उनके परिवार को भी उनके असली काम के बारे में पता नहीं था।
फखरीजादेह के साथ किया काम
सदीघी ने ईरानी पत्रिकाओं में विस्फोटकों और परमाणु हथियारों के विकास पर कई शोधपत्र प्रकाशित किए थे। गिलान प्रांत के नियाकू गांव में 1974 में जन्मे सदीघी ने परमाणु इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी। वे तेहरान के मलेक अश्तर प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय से जुड़े थे, जो रक्षा मंत्रालय का एक हथियार विकास संस्थान है। इसका नेतृत्व पहले शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह करते थे। फखरीजादेह को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का जनक कहा जाता है। उनकी 2020 में तेहरान के पास हत्या कर दी गई थी।
पत्नी और बच्चों समेत की गई हत्या
सदीघी ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम में एक प्रमुख व्यक्ति थे और 1990 से विस्फोटक अनुसंधान में शामिल थे। 13 जून को इजरायल ने ईरान पर हमले के पहले दिन 9 ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को मार दिया था। इस हमले में सदीघी बच गए थे। हालांकि, उनका 17 साल का बेटा मारा गया था। इजरायली सेना ने 23 जून को सुबह 1:07 बजे तड़के, युद्धविराम से कुछ घंटों अंतिम घंटों में उनके आवास को निशाना बनाकर तीन मिसाइलें दागीं। इस हमले में सदीघी के साथ उनके बच्चों, पत्नी और उनके परिवार सहित 15 अन्य लोग मारे गए।
You may also like
पाकिस्तान ने बलूचों के खौफ के आगे घुटने टेके, पंजाब से बलूचिस्तान तक रात में यात्रा पर प्रतिबंध लगाया
वजन बढ़ने की असली वजह क्या है ज्यादा खाना या कम एक्सरसाइज,रिसर्च ने खोली सच्चाई
वजन कम करना चाहती हैं लेकिन शुगर क्रेविंग पर नहीं हो रहा कंट्रोल, बस कर लें 4 असरदार उपाय, न्यूट्रिशनिस्ट का पक्का दावा
चंदन मिश्रा हत्याकांड: आरा एनकाउंटर की इनसाइड स्टोरी, गोलियों की तड़तड़ाहट थर्रा उठा इलाका
राजस्थान: दुश्मन का परिंदा नहीं मार सकेगा पर, भारतीय सेना के यह लड़ाके अब मचाएंगे खलबली