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नागपुर की 40 महिलाएं नहीं लेना चाहती लाडकी बहिन योजना का लाभ, जानें वजह

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नागपुर: महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना शुरू की थी। अब सरकार कह रही है कि जो महिलाएं इस योजना के लिए योग्य नहीं हैं, वे खुद आगे आएं और इसका लाभ छोड़ दें। सरकार के अनुसार, नागपुर जिले में 10.73 लाख महिलाओं में से केवल 40 महिलाएं ही आगे आई हैं और उन्होंने योजना छोड़ने की इच्छा जताई है। चुनाव के समय ऐसा लग रहा था कि महिलाओं ने महायुति के उम्मीदवारों को खूब वोट दिया और राज्य में उनकी सरकार बनवा दी। इसलिए सरकार ने वादा किया था कि वह इन बहनों को योजना का लाभ देती रहेगी और इसमें और भी फायदे जोड़ेगी। लेकिन अब सरकार को लग रहा है कि इस योजना से राज्य के खजाने पर बहुत बोझ पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों से तो अभी तक एक भी महिला आगे नहीं आईपता चला है कि कई नौकरी करने वाली महिलाएं भी इस योजना का लाभ ले रही हैं। कुछ के पास तो अपनी कारें भी हैं। अब सरकार इन सभी को योजना से बाहर निकालने वाली है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि वे पहले दिए गए पैसे वापस नहीं लेंगे। उन्होंने महिलाओं से अपील की है कि वे खुद ही इस योजना से बाहर आ जाएं। इसके लिए महिला एवं बाल कल्याण विभाग में अर्जी देने की सुविधा दी गई है और एक ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया गया है। अभी तक नागपुर शहर की केवल 40 महिलाओं ने ही योजना से बाहर निकलने के लिए अर्जी दी है। यह संख्या बहुत कम है, लेकिन इससे सरकार के कुछ पैसे बचेंगे। ग्रामीण इलाकों से तो अभी तक एक भी महिला आगे नहीं आई है। इन महिलाओं को इस योजना से बाहर किया जाएगासरकार इस योजना की लाभार्थी महिलाओं के लिए अब नियम और शर्तें लगाने लगी है। सरकार राशनिंग के लिए संजय गांधी निराधार योजना और पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की लिस्ट भी इकट्ठा कर रही है। आरटीओ को कहा गया है कि जिन महिलाओं के नाम पर चार पहिया वाहन हैं, उनकी लिस्ट दी जाए। जो महिलाएं दूसरी योजनाओं का लाभ ले रही हैं, उन्हें अब लाडकी बहिन योजना का लाभ नहीं मिलेगा। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि एक व्यक्ति को एक ही योजना का लाभ मिलेगा। इसलिए संजय गांधी निराधार योजना और पीएम किसान योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं को भी इस योजना से बाहर किया जाएगा।
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