नई दिल्ली: इंडियन एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने आखिरी बार मिग-21 फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाने से पहले इसे उड़ाने की ट्रेनिंग भी ली। वैसे तो एयरफोर्स चीफ ने अपने फ्लाइंग करियर की शुरुआत मिग-21 से ही की थी, लेकिन जब इन्हें आखिरी बार उड़ाने का मौका आया तो फिर से ट्रेनिंग ली। पिछले हफ्ते एयरफोर्स चीफ ने नाल एयरफोर्स स्टेशन से मिग-21 उड़ाया।
उड़ाने की पूरी ट्रेनिंग लीएयर चीफ ने एक दिन पहले इसे उड़ाने की पूरी ट्रेनिंग ली और फिर अगले दिन इसे उड़ाया। एयर चीफ मार्शल सिंह ने सोलो उड़ान भरी। मिग-21 को फॉर्मेशन में भी उड़ाया। ये दो मिग-21 की फॉर्मेशन थी। एक मिग-21 स्क्वॉड्रन लीडर प्रिया फ्लाई कर रही थीं और दूसरा मिग-21 एयरफोर्स चीफ उड़ा रहे थे। स्क्वॉड्रन लीडर प्रिया ने इस फॉर्मेशन को लीड किया। एयरफोर्स चीफ ने इस तरह मिग-21 फाइटर जेट को विदाई दी।
1965 और 1971 की जंग में अहम भूमिकासोवियत मूल के मिग-21 फाइटर जेट 1963 में इंडियन एयरफोर्स में शामिल किए गए और ये पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट थे। 1965 और 1971 की जंग में मिग-21 ने अहम भूमिका निभाई और पाकिस्तानी सेबर और स्टारफाइटर विमानों को बड़ी बढ़त से पछाड़ दिया। 14 दिसंबर 1971 को मिग-21 जेट ने ढाका गवर्नमेंट हाउस पर रॉकेट दागे थे, जिससे पाकिस्तान को युद्ध में पूरी तरह आत्मसमर्पण करने पर मजबूर होना पड़ा।
कारगिल युद्ध में भी मिग-21 की काबिलियत दिखीयह 1971 की जंग का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट था। कारगिल युद्ध में भी मिग-21 की काबिलियत दिखी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद जब पाकिस्तानी एयरफोर्स ने अपने F-16 और JF-17 के साथ इंडियन एयरस्पेस में घुसने की कोशिश की तो उस वक्त विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग-21 बाइसन से पाकिस्तानी फाइटर जेट को मार गिराया।
उड़ाने की पूरी ट्रेनिंग लीएयर चीफ ने एक दिन पहले इसे उड़ाने की पूरी ट्रेनिंग ली और फिर अगले दिन इसे उड़ाया। एयर चीफ मार्शल सिंह ने सोलो उड़ान भरी। मिग-21 को फॉर्मेशन में भी उड़ाया। ये दो मिग-21 की फॉर्मेशन थी। एक मिग-21 स्क्वॉड्रन लीडर प्रिया फ्लाई कर रही थीं और दूसरा मिग-21 एयरफोर्स चीफ उड़ा रहे थे। स्क्वॉड्रन लीडर प्रिया ने इस फॉर्मेशन को लीड किया। एयरफोर्स चीफ ने इस तरह मिग-21 फाइटर जेट को विदाई दी।
1965 और 1971 की जंग में अहम भूमिकासोवियत मूल के मिग-21 फाइटर जेट 1963 में इंडियन एयरफोर्स में शामिल किए गए और ये पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट थे। 1965 और 1971 की जंग में मिग-21 ने अहम भूमिका निभाई और पाकिस्तानी सेबर और स्टारफाइटर विमानों को बड़ी बढ़त से पछाड़ दिया। 14 दिसंबर 1971 को मिग-21 जेट ने ढाका गवर्नमेंट हाउस पर रॉकेट दागे थे, जिससे पाकिस्तान को युद्ध में पूरी तरह आत्मसमर्पण करने पर मजबूर होना पड़ा।
कारगिल युद्ध में भी मिग-21 की काबिलियत दिखीयह 1971 की जंग का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट था। कारगिल युद्ध में भी मिग-21 की काबिलियत दिखी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद जब पाकिस्तानी एयरफोर्स ने अपने F-16 और JF-17 के साथ इंडियन एयरस्पेस में घुसने की कोशिश की तो उस वक्त विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग-21 बाइसन से पाकिस्तानी फाइटर जेट को मार गिराया।
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