पटना : बिहार के विधानसभा चुनाव के लिए पटना में 85 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए दो दिवसीय 'होम वोटिंग' सेवा बुधवार को शुरू हुई। यह सुविधा पहली बार बिहार में लागू की गई है और गुरुवार को समाप्त हो जाएगी। इस पहल का उद्देश्य उन मतदाताओं को सशक्त बनाना है जिन्हें मतदान केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाई होती है।
बुधवार को पटना जिले के फुलवारी शरीफ और पटना साहिब जैसे इलाकों में मतदान अधिकारियों की टीमों ने ऐसे मतदाताओं के घरों का दौरा किया, जिन्होंने फॉर्म 12डी भरा था और चुनाव अधिसूचना जारी होने के पांच दिनों के भीतर अपने बीएलओ के माध्यम से रिटर्निंग ऑफिसर के पास फार्म जमा किया था। इन मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा मिल रही है।
वोटिंग प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई
हर मतदान टीम में दो मतदान अधिकारी, एक माइक्रो ऑब्जर्वर, दो कांस्टेबल और एक वीडियोग्राफर शामिल थे। बुधवार को हर घर में वोटिंग की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। पटना जिले में कुल 32,036 दिव्यांग मतदाता और 34,260 ऐसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 85 साल से अधिक है।
एक मतदान अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर मतदाताओं ने वोट डालने के बाद खुशी और संतुष्टि व्यक्त की। फुलवारी शरीफ की 85 साल से अधिक उम्र की अशगरी बानो, शकीला खातून और अनवरी खातून, और शारीरिक रूप से दिव्यांग सुजीत कुमार ने वोट डालने के बाद मतदान दल को धन्यवाद दिया।
चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण पहलमतदान अधिकारियों ने कहा कि होम वोटिंग की यह व्यवस्था एक प्रगतिशील कदम है। इसका लक्ष्य उन मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने में मदद करना है जिन्हें मतदान केंद्रों पर जाने में परेशानी होती है। यह सुविधा सुनिश्चित करती है कि हर कोई अपना वोट डाल सके, चाहे उनकी शारीरिक स्थिति कैसी भी हो। यह चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण पहल है जो समावेशिता को बढ़ावा देती है।
बुधवार को पटना जिले के फुलवारी शरीफ और पटना साहिब जैसे इलाकों में मतदान अधिकारियों की टीमों ने ऐसे मतदाताओं के घरों का दौरा किया, जिन्होंने फॉर्म 12डी भरा था और चुनाव अधिसूचना जारी होने के पांच दिनों के भीतर अपने बीएलओ के माध्यम से रिटर्निंग ऑफिसर के पास फार्म जमा किया था। इन मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा मिल रही है।
वोटिंग प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई
हर मतदान टीम में दो मतदान अधिकारी, एक माइक्रो ऑब्जर्वर, दो कांस्टेबल और एक वीडियोग्राफर शामिल थे। बुधवार को हर घर में वोटिंग की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। पटना जिले में कुल 32,036 दिव्यांग मतदाता और 34,260 ऐसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 85 साल से अधिक है।
एक मतदान अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर मतदाताओं ने वोट डालने के बाद खुशी और संतुष्टि व्यक्त की। फुलवारी शरीफ की 85 साल से अधिक उम्र की अशगरी बानो, शकीला खातून और अनवरी खातून, और शारीरिक रूप से दिव्यांग सुजीत कुमार ने वोट डालने के बाद मतदान दल को धन्यवाद दिया।
चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण पहलमतदान अधिकारियों ने कहा कि होम वोटिंग की यह व्यवस्था एक प्रगतिशील कदम है। इसका लक्ष्य उन मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने में मदद करना है जिन्हें मतदान केंद्रों पर जाने में परेशानी होती है। यह सुविधा सुनिश्चित करती है कि हर कोई अपना वोट डाल सके, चाहे उनकी शारीरिक स्थिति कैसी भी हो। यह चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण पहल है जो समावेशिता को बढ़ावा देती है।
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