नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को हिज्ब उत-तहरीर (HuT) के तीन सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इन पर प्रतिबंधित आतंकवादी समूह की विचारधारा का प्रचार करने और गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धन जुटाने की साजिश रचने का आरोप है। NIA ने कबीर अहमद आलिया, अजीज अहमद और बावा बहरुद्दीन को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की संबंधित धाराओं के तहत आरोपित किया है।
इन तीनों पर HuT के पदाधिकारियों के साथ मिलकर भारत में इस्लामिक खिलाफत स्थापित करने की साजिश रचने का आरोप है। वे भारत के दुश्मनों से सैन्य सहायता मांग रहे थे और HuT के संस्थापक, ताकी अल-दीन अल-नभानी की ओर से लिखे गए संविधान को लागू करना चाहते थे। जांच में पता चला कि तीनों ने हज और उमराह यात्रियों के माध्यम से पाकिस्तानी सेना से समर्थन हासिल करने की भी योजना बनाई थी।
NIA के अनुसार, आरोपियों ने HuT की गुप्त कक्षाओं में कमजोर युवाओं की भर्ती की। उन्होंने युवाओं को अंतरराष्ट्रीय पैन-इस्लामी समूह की विचारधारा में कट्टरपंथी बनाया। भारत ने अक्टूबर 2024 में इस समूह और इसके सभी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। NIA ने एक बयान में कहा कि आरोपियों ने इस्लामी देशों जैसे ईरान, तुर्की, मिस्र और पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया था। उनका इरादा इन देशों को हिंसक जिहाद और युद्ध के माध्यम से भारत की वैध रूप से स्थापित सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए आमंत्रित करना था।
क्या है मकसद? उनका मकसद भारत में इस्लामी खिलाफत की स्थापना करना था। जांच में पता चला है कि इन आरोपियों ने हज और उमराह यात्रियों के जरिए पाकिस्तानी सेना से समर्थन हासिल करने की भी कोशिश की थी। एनआईए की पड़ताल से यह भी खुलासा हुआ कि ये लोग एचयूटी की गुप्त कक्षाओं में युवाओं को भर्ती कर रहे थे। इन कक्षाओं में कमजोर युवाओं को संगठन की कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ा गया। ध्यान देने वाली बात है कि पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार ने एचयूटी और इसके सभी स्वरूपों पर पाबंदी लगा दी थी।
आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सख्त सरकारएजेंसी इस साजिश के अन्य पहलुओं और संलिप्त लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। यह कार्रवाई देश की सुरक्षा और शांति को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां ऐसी आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इन तीनों पर HuT के पदाधिकारियों के साथ मिलकर भारत में इस्लामिक खिलाफत स्थापित करने की साजिश रचने का आरोप है। वे भारत के दुश्मनों से सैन्य सहायता मांग रहे थे और HuT के संस्थापक, ताकी अल-दीन अल-नभानी की ओर से लिखे गए संविधान को लागू करना चाहते थे। जांच में पता चला कि तीनों ने हज और उमराह यात्रियों के माध्यम से पाकिस्तानी सेना से समर्थन हासिल करने की भी योजना बनाई थी।
NIA के अनुसार, आरोपियों ने HuT की गुप्त कक्षाओं में कमजोर युवाओं की भर्ती की। उन्होंने युवाओं को अंतरराष्ट्रीय पैन-इस्लामी समूह की विचारधारा में कट्टरपंथी बनाया। भारत ने अक्टूबर 2024 में इस समूह और इसके सभी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। NIA ने एक बयान में कहा कि आरोपियों ने इस्लामी देशों जैसे ईरान, तुर्की, मिस्र और पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया था। उनका इरादा इन देशों को हिंसक जिहाद और युद्ध के माध्यम से भारत की वैध रूप से स्थापित सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए आमंत्रित करना था।
क्या है मकसद? उनका मकसद भारत में इस्लामी खिलाफत की स्थापना करना था। जांच में पता चला है कि इन आरोपियों ने हज और उमराह यात्रियों के जरिए पाकिस्तानी सेना से समर्थन हासिल करने की भी कोशिश की थी। एनआईए की पड़ताल से यह भी खुलासा हुआ कि ये लोग एचयूटी की गुप्त कक्षाओं में युवाओं को भर्ती कर रहे थे। इन कक्षाओं में कमजोर युवाओं को संगठन की कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ा गया। ध्यान देने वाली बात है कि पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार ने एचयूटी और इसके सभी स्वरूपों पर पाबंदी लगा दी थी।
आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सख्त सरकारएजेंसी इस साजिश के अन्य पहलुओं और संलिप्त लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। यह कार्रवाई देश की सुरक्षा और शांति को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां ऐसी आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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