अगली ख़बर
Newszop

India and China: 1990 में एक ही जगह थे भारत और चीन, फिर ड्रैगन कैसे निकल गया आगे, हर्ष गोयनका ने समझाई पूरी बात

Send Push
नई दिल्ली: आर्थिक रूप से इस समय चीन भारत से कहीं आगे है। लेकिन तीन दशक पहले ऐसा नहीं था। उस समय भारत और चीन एक ही जगह पर थे। लेकिन बाद में चीन से ऐसी रफ्तार पकड़ी कि वह भारत से बहुत आगे निकल गया। आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने भारत और चीन की आर्थिक यात्रा की तुलना की है।

गोयनका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, '1990 में भारत और चीन एक जैसे शुरुआती पॉइंट पर थे। तीन दशक बाद चीन की जीडीपी भारत की जीडीपी से लगभग पांच गुना है। इस अंतर का क्या कारण है?' उन्होंने 'चाइना बनाम इंडिया' नाम से एक छोटी थ्रेड में इस अंतर को समझाया है।


चीन कैसे निकल गया आगे?गोयनका के अनुसार चीन की तरक्की का राज था 'फोकस्ड एग्जीक्यूशन' यानी किसी काम को पूरी लगन और योजना के साथ पूरा करना और सरकार का तालमेल। उन्होंने कहा कि चीन ने एग्जीक्यूशन पर लगातार ध्यान दिया। इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग में भारी निवेश किया। शुरुआत में ही कृषि और श्रम सुधार किए। सरकार के तालमेल से निर्यात-आधारित उद्योग बनाए। बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए इकोसिस्टम तैयार किए।

भारत की कैसी रही यात्राउन्होंने इसकी तुलना भारत के धीमे लेकिन ज्यादा लोकतांत्रिक रास्ते से की। उन्होंने कहा कि भारत का रास्ता धीमा लेकिन ज्यादा लोकतांत्रिक था। अपनी पोस्ट में हर्ष गोयनका लिखते हैं कि भारत मैन्युफैक्चरिंग से ज्यादा सर्विसेज में मजबूत हुआ। सुधार आम सहमति से हुए। विकास केंद्रीय योजना के बजाय उद्यमिता और खपत से प्रेरित था।

दोनों की अपनी ताकत और कमजोरियां गोयनका ने माना कि दोनों मॉडलों की अपनी ताकत और कमजोरियां थीं। उन्होंने कहा कि चीन के मॉडल ने तेजी और बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन किया, लेकिन इसमें बढ़ता कर्ज, बूढ़ी होती आबादी और केंद्रीकृत जोखिम जैसी समस्याएं भी आईं। भारत का मॉडल स्थिरता, समावेश और लचीलापन देता है, लेकिन इसे नौकरियों, कौशल और मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।


आगे क्या है भविष्य?गोयनका ने पोस्ट में लिखा है कि चीन दिखाता है कि अनुशासन और दिशा क्या हासिल कर सकती है। भारत को अब यह दिखाना होगा कि लोकतंत्र और विविधता क्या कर सकती है। आने वाले दशक तय करेंगे कि ना केवल कौन किसका नकल करता है, बल्कि बदलती दुनिया के साथ सबसे बेहतर तालमेल कौन बिठाता है।

कैसा रहा तीन दशकों का सफर?साल 1990 में भारत की प्रति व्यक्ति आय लगभग 367 डॉलर थी, जो चीन के 317 डॉलर से थोड़ी ज्यादा थी। 2000 तक चीन ने औसतन 9 से 10 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ हासिल की। वहीं भारत की ग्रोथ 5 से 6 फीसदी रही। साल 2025 तक चीन की नॉमिनल जीडीपी करीब 19 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। वहीं भारत की अर्थव्यवस्था करीब 4 ट्रिलियन डॉलर है। यानी चीन की अर्थव्यवस्था भारत के मुकाबले करीब 5 गुना ज्यादा है। यही नहीं, चीन की प्रति व्यक्ति आय भी भारत से करीब 5 गुना ज्यादा है।
न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें