ग्वालियर: शहर में हाल ही में एक ऐसी पहल सामने आई है, जिसने सैकड़ों छात्रों की ज़िंदगी में नई दिशा दी है। यह कहानी उन किताबों से शुरू होती है जिन्हें अक्सर हम पुराना समझकर रद्दी में बेच देते हैं। मगर किसी ने इन्हीं किताबों में संभावनाएं देखीं और यहीं से एक बदलाव की शुरुआत हुई।
जरुरतमंद छात्रों को मिल रहा सहारा
कई युवाओं के मन में यह सवाल उठता है कि जिन छात्रों को पढ़ने की ललक है, लेकिन साधन नहीं, उनके लिए क्या किया जा सकता है? इसी सोच के साथ कुछ युवाओं ने मिलकर एक ऐसा कदम उठाया जो अब जरूरतमंद छात्रों के लिए एक मजबूत सहारा बन चुका है। उन्होंने ठाना कि हर छात्र को पढ़ाई का हक है, चाहे उसकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
पहले दोस्तों और रिश्तेदारों से मांगी किताबें
अंकित शर्मा ने इस सपने को साकार करने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर-घर जाकर पुरानी किताबें मांगनी शुरू कीं। शुरुआत में लोग हिचकिचाए, लेकिन जब उन्हें अंकित की सोच और मकसद का पता चला तो दिल खोलकर सहयोग किया। धीरे-धीरे उन्होंने करीब 3,000 किताबें इकट्ठा कर लीं। वर्ष 2019 में शहर के शासकीय टकसाल स्कूल में पहली निःशुल्क लाइब्रेरी की नींव रखी गई, जहां स्कूल की किताबों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें भी उपलब्ध थीं। इससे अनेक छात्र यहां पढ़ने आने लगे।
सोशल मीडिया पर कैंपन चलाकर की अपील
इस पुस्तकालय का नाम ‘स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय’ रखा गया, जिससे प्रेरणा अंकित को स्वयं विवेकानंद की किताबों से मिली। अंकित कहते हैं कि वे चाहते थे कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को एक सकारात्मक माहौल मिले, जहां उन्हें पढ़ने की जगह, जरूरी किताबें और संसाधन मिलें। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से एक कैंपेन चलाकर लोगों से अपील की कि किताबों को रद्दी में बेचने की बजाय लाइब्रेरी को दान दें।
कौन कौन सी किताबें मिल रहीं
स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय में स्कूली पाठ्यक्रम, नीट, इंजीनियरिंग, UPSC, पटवारी सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें उपलब्ध हैं। इसके अलावा साहित्य, धार्मिक ग्रंथ, गीता प्रेस की किताबें, नोट्स और कई भाषाओं की पुस्तकें भी यहां रखी गई हैं। छात्रों की सुविधा के लिए लाइब्रेरी में इंटरनेट वाई-फाई और एसी जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं।
तीसरी लाइब्रेरी खोलने की तैयारी
इस प्रयास की सफलता के बाद अंकित शर्मा ने 2023 में ग्वालियर के गोलपहाड़िया क्षेत्र में ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर पुस्तकालय’ की शुरुआत की। अब वे तीसरी लाइब्रेरी खोलने की तैयारी कर रहे हैं और उनका सपना है कि ऐसी लाइब्रेरियां पूरे मध्य प्रदेश में शुरू की जाएं। अंकित की इस पहल से कई छात्रों को सफलता मिली है। यहां पढ़ने वाली नेहा बघेल ने हाल ही में 12वीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, वहीं एक अन्य छात्र जितेंद्र बघेल आर्मी के रूप में चयनित हुआ। इसके अलावा दो और छात्रों का चयन पटवारी परीक्षा में हुआ है। ये सफलताएं दर्शाती हैं कि यह पुस्तकालय न सिर्फ किताबें देता है, बल्कि छात्रों के सपनों को पंख भी देता है।
जरुरतमंद छात्रों को मिल रहा सहारा
कई युवाओं के मन में यह सवाल उठता है कि जिन छात्रों को पढ़ने की ललक है, लेकिन साधन नहीं, उनके लिए क्या किया जा सकता है? इसी सोच के साथ कुछ युवाओं ने मिलकर एक ऐसा कदम उठाया जो अब जरूरतमंद छात्रों के लिए एक मजबूत सहारा बन चुका है। उन्होंने ठाना कि हर छात्र को पढ़ाई का हक है, चाहे उसकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
पहले दोस्तों और रिश्तेदारों से मांगी किताबें
अंकित शर्मा ने इस सपने को साकार करने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर-घर जाकर पुरानी किताबें मांगनी शुरू कीं। शुरुआत में लोग हिचकिचाए, लेकिन जब उन्हें अंकित की सोच और मकसद का पता चला तो दिल खोलकर सहयोग किया। धीरे-धीरे उन्होंने करीब 3,000 किताबें इकट्ठा कर लीं। वर्ष 2019 में शहर के शासकीय टकसाल स्कूल में पहली निःशुल्क लाइब्रेरी की नींव रखी गई, जहां स्कूल की किताबों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें भी उपलब्ध थीं। इससे अनेक छात्र यहां पढ़ने आने लगे।
सोशल मीडिया पर कैंपन चलाकर की अपील
इस पुस्तकालय का नाम ‘स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय’ रखा गया, जिससे प्रेरणा अंकित को स्वयं विवेकानंद की किताबों से मिली। अंकित कहते हैं कि वे चाहते थे कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को एक सकारात्मक माहौल मिले, जहां उन्हें पढ़ने की जगह, जरूरी किताबें और संसाधन मिलें। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से एक कैंपेन चलाकर लोगों से अपील की कि किताबों को रद्दी में बेचने की बजाय लाइब्रेरी को दान दें।
कौन कौन सी किताबें मिल रहीं
स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय में स्कूली पाठ्यक्रम, नीट, इंजीनियरिंग, UPSC, पटवारी सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें उपलब्ध हैं। इसके अलावा साहित्य, धार्मिक ग्रंथ, गीता प्रेस की किताबें, नोट्स और कई भाषाओं की पुस्तकें भी यहां रखी गई हैं। छात्रों की सुविधा के लिए लाइब्रेरी में इंटरनेट वाई-फाई और एसी जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं।
तीसरी लाइब्रेरी खोलने की तैयारी
इस प्रयास की सफलता के बाद अंकित शर्मा ने 2023 में ग्वालियर के गोलपहाड़िया क्षेत्र में ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर पुस्तकालय’ की शुरुआत की। अब वे तीसरी लाइब्रेरी खोलने की तैयारी कर रहे हैं और उनका सपना है कि ऐसी लाइब्रेरियां पूरे मध्य प्रदेश में शुरू की जाएं। अंकित की इस पहल से कई छात्रों को सफलता मिली है। यहां पढ़ने वाली नेहा बघेल ने हाल ही में 12वीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, वहीं एक अन्य छात्र जितेंद्र बघेल आर्मी के रूप में चयनित हुआ। इसके अलावा दो और छात्रों का चयन पटवारी परीक्षा में हुआ है। ये सफलताएं दर्शाती हैं कि यह पुस्तकालय न सिर्फ किताबें देता है, बल्कि छात्रों के सपनों को पंख भी देता है।
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