श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में पहली बार मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी ने मिलकर पीडीपी के एक विधेयक को खारिज कर दिया। पीडीपी को झटका देते हुए दोनों पार्टियों ने उनके द्वारा पेश किए गए एंटी-बुलडोजर बिल को खारिज कर दिया। यह बिल उन स्थानीय निवासियों को सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों का मालिकाना हक देने की कोशिश कर रहा था, जो बीते 20 सालों से उस भूमि पर रह रहे हैं। यह घटना तब हुई जब उमर अब्दुल्ला पहले से ही पिछले शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव को लेकर 'फिक्स मैच' के आरोपों का सामना कर रहे थे, जिसमें बीजेपी ने चार सीटों में से एक पर जीत हासिल की थी।
क्या बोले सीएम उमर
बीजेपी ने पीडीपी के इस जमीनी विधेयक को खारिज करने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तारीफ की। बीजेपी ने इसे 'राष्ट्रीय हित' में उठाया गया कदम बताया। वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सदन में कहा कि जब यह बिल सरकारी ज़मीन पर हुए अवैध निर्माणों को वैध बनाने की कोशिश कर रहा है, तो इसे कैसे सही ठहराया जा सकता है? उन्होंने आगे कहा कि अगर यह पास हो जाता है, तो इसका मतलब होगा कि कल कोई भी सरकारी जमीन पर घर बना ले, तो वह उसे अपना बता सकता है। यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। उमर ने इस बिल की तुलना रद्द किए गए रोशनी एक्ट से की, जिसे अदालत में चुनौती मिलने के बाद खत्म कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि रोशनी एक्ट लोगों को राहत देने के लिए था, लेकिन यह नया बिल अवैध कब्जों को वैध ठहराने की कोशिश कर रहा है।
पीडीपी ने किया पलटवार
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने जिस बिल को ‘लैंड जिहाद बिल’ कहा था, उसे आज रोकने की धमकी पूरी कर दी। मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि कोई भी जनहित से जुड़ा प्रस्ताव रोका नहीं जाएगा, लेकिन अब फिर से यू-टर्न ले लिया गया। उन्होंने इसे उमर अब्दुल्ला की वादाखिलाफी बताया। वहीं ये बिल पेश करने वाले पीडीपी विधायक वहीद पारा ने उमर पर बीजेपी के साथ मिलकर कश्मीरियों के हितों के खिलाफ जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी इसे ‘लैंड जिहाद’ कहती है और अब आप भी उसी लाइन पर चल रहे हैं? अगर बिल में कोई कमी है, तो चर्चा करके उसे ठीक किया जा सकता था।
बीजेपी ने किया सीएम का धन्यवाद
बीजेपी विधायक सुनील शर्मा ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला ने सही निर्णय लिया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के साथ-साथ बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों पर कब्जे हुए हैं, जिन्हें अब वैध नहीं किया जा सकता। बता दें कि यह पहली बार है जब एनसी और बीजेपी किसी बड़े विधेयक पर एक साथ खड़ी नजर आई हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह फैसला उस समय आया है जब उमर पहले से ही राज्यसभा चुनाव को लेकर ‘फिक्स मैच’ के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
क्या बोले सीएम उमर
बीजेपी ने पीडीपी के इस जमीनी विधेयक को खारिज करने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तारीफ की। बीजेपी ने इसे 'राष्ट्रीय हित' में उठाया गया कदम बताया। वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सदन में कहा कि जब यह बिल सरकारी ज़मीन पर हुए अवैध निर्माणों को वैध बनाने की कोशिश कर रहा है, तो इसे कैसे सही ठहराया जा सकता है? उन्होंने आगे कहा कि अगर यह पास हो जाता है, तो इसका मतलब होगा कि कल कोई भी सरकारी जमीन पर घर बना ले, तो वह उसे अपना बता सकता है। यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। उमर ने इस बिल की तुलना रद्द किए गए रोशनी एक्ट से की, जिसे अदालत में चुनौती मिलने के बाद खत्म कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि रोशनी एक्ट लोगों को राहत देने के लिए था, लेकिन यह नया बिल अवैध कब्जों को वैध ठहराने की कोशिश कर रहा है।
पीडीपी ने किया पलटवार
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने जिस बिल को ‘लैंड जिहाद बिल’ कहा था, उसे आज रोकने की धमकी पूरी कर दी। मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि कोई भी जनहित से जुड़ा प्रस्ताव रोका नहीं जाएगा, लेकिन अब फिर से यू-टर्न ले लिया गया। उन्होंने इसे उमर अब्दुल्ला की वादाखिलाफी बताया। वहीं ये बिल पेश करने वाले पीडीपी विधायक वहीद पारा ने उमर पर बीजेपी के साथ मिलकर कश्मीरियों के हितों के खिलाफ जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी इसे ‘लैंड जिहाद’ कहती है और अब आप भी उसी लाइन पर चल रहे हैं? अगर बिल में कोई कमी है, तो चर्चा करके उसे ठीक किया जा सकता था।
बीजेपी ने किया सीएम का धन्यवाद
बीजेपी विधायक सुनील शर्मा ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला ने सही निर्णय लिया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के साथ-साथ बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों पर कब्जे हुए हैं, जिन्हें अब वैध नहीं किया जा सकता। बता दें कि यह पहली बार है जब एनसी और बीजेपी किसी बड़े विधेयक पर एक साथ खड़ी नजर आई हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह फैसला उस समय आया है जब उमर पहले से ही राज्यसभा चुनाव को लेकर ‘फिक्स मैच’ के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
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