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2/6=8, कुएं के अंदर गए पर लौटे नहीं, हर एक की ले ली जान, खंडवा हादसे की इनसाइड स्टोरी

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खंडवा: जिले के छैगांवमाखन थाना क्षेत्र के कुंडावत गांव में गुरुवार गांव के एक कुएं में जवारे विसर्जन के लिए सफाई करते समय आठ लोग दलदल में फंस गए। दो को बचाने गए 6 लोग भी कुएं का निवाला बन गए। यह घटना दोपहर 3 बजे हुई। कुएं में जहरीली गैस बनने की वजह से यह हादसा हुआ। देर रात तक सभी शवों को कुएं से बाहर निकाल लिया गया। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर दुख जताया है।निमाड़ में गणगौर माता का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। कुंडावत गांव में भी इसको लेकर धूमधाम से तैयारियां हो रही थी। तैयारी को देखते हुए कुछ ग्रामीण गांव के बीच स्थित कुएं में उतरे, वे कुएं को साफ कर रहे थे, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह कुआं उनकी मौत का कारण बन जाएगा। 2 को बचाने 6 और कुएं में गएसबसे पहले गजानन और अर्जुन कुएं में सफाई करने उतरे। वे दोनों दलदल में फंस गए। उन्हें बचाने के लिए छह अन्य लोग भी कुएं में उतरे। लेकिन वे भी एक-एक करके दलदल में धंसते चले गए। देखते ही देखते गांव के आठ लोग कुएं में समा गए। गांव में यह खबर आग की तरह फैल गई। पूरे गांव में चीख-पुकार मच गई। ग्रामीणों ने तुरंत खंडवा जिला प्रशासन को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिसघटना की जानकारी मिलते ही खंडवा जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। एसआरएफ और होमगार्ड की टीम को गांव में भेजा गया। खंडवा एसपी भी भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस और प्रशासन की टीम ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। कुएं में दलदल और कचरा होने से जहरीली गैस बन गई थी। खंडवा एसपी मनोज कुमार राय ने बताया कि पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF की मदद से शवों को बाहर निकाला गया। देर रात तक सभी आठ लोगों के शवों को कुएं से निकाल लिया गया। मृतकों के परिवार को 4 लाख की मददखंडवा कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद सभी शवों को छैगांवमाखन के अस्पताल में भिजवा दिया। सीएम मोहन ने प्रत्येक मृतक के परिवार को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इनकी गई जानजिला प्रशासन ने हादसे में मारे गए लोगों की सूची जारी कर दी है। शुक्रवार को उनका पोस्टमार्टम कराया जाएगा। हादसे में जान गंवाने वाले राकेश पिता हरी (21), वासुदेव पिता आत्माराम (40), अर्जुन पिता गोविंद (35), गजानन पिता गोपाल (35), मोहन पिता मंसाराम पटेल (पूर्व सरपंच) (48), अजय पिता मोहन (25), शरण पिता सुखराम (37), अनिल पिता आत्माराम (25) इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।
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