मनीष सिंह, नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में सड़क पर लगे बैरीकेड गिरने से एक छात्रा का पैर टूट गया। नोएडा सेक्टर-100 के सेंचुरी अपार्टमेंट और सेक्टर-47 से गुजरने वाली रोड पर बैरीकेड की चपेट में आने से नौवीं की छात्रा का एक पैर टूट गया। बताया गया कि बैरीकेड्स लगाने से यहां काफी कम जगह बची थी। उसी में से बच्चे निकल रहे थे। इसी दौरान एक बैरीकेड गिर गया। आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ है। शहर में और भी कई जगह इस तरह से रास्ते बंद किए गए हैं। वहां भी हादसों की आशंका है। यह घटना बुधवार दोपहर की है। जानकारी के अनुसार, सेक्टर-100 स्थित सेंचुरी अपार्टमेंट में 15 वर्षीय दीप्ति शर्मा अपने परिवार के साथ रहती है। उसके पिता मनीष शर्मा सेक्टर-129 की कंपनी में परियोजना अभियंता हैं। दीप्ति और उसकी आठ वर्षीय बहन खुशी सेक्टर-47 स्थित निजी स्कूल में पढ़ती हैं। ट्रैफिक पुलिस ने सेक्टर-47 और सेक्टर-107 के पास डीएससी रोड पर एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य के चलते रास्ता बदला हुआ है। इस कारण से सेक्टर-100 सेंचुरी अपार्टमेंट और सेक्टर-47 कट को लोहे के बैरीकेड लगाकर बंद कर दिया गया है। इससे निवासियों को लम्बा चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ता है। बुधवार को स्कूलों की छुट्टी के बाद बच्चे घर लौट रहे थे। इसी बीच मनीष शर्मा की पत्नी और उनकी 15 वर्षीय बेटी दीप्ति आठ वर्षीय खुशी को लेने स्कूल गई थी। खुशी कक्षा चार की छात्रा है। दीप्ति छोटी बहन को मां के साथ लेकर लौट रही थी। सेक्टर-100 में सड़क पर लगी बैरीकेडिंग के बराबर से मनीष शर्मा की पत्नी अपनी छोटी बेटी खुशी शर्मा निकल गई। उनके पीछे दीप्ति शर्मा भी आ रही थी। अचानक बैरीकेड दीप्ति के कंधे पर लगा। इससे दीप्ति औंधे मुंह गिर गई। इसी बीच बैरीकेड दीप्ति के पैर पर गिर गया, जिससे उसका पैर टूट गया। पीड़िता की मां ने लोगों की मदद से दीप्ति को सेक्टर-41 स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। वहां पता चला कि बच्ची के पैर की हड्डी टूट गई है। डॉक्टरों ने पैर पर प्लास्टर चढ़ाया है।सोसाइटी के आरडब्लूए प्रेसिडेंट पवन यादव ने बताया है कि पहले ही दिन ट्रैफिक पुलिस को मना किया था कि यहां बैरीकेडिंग की आवश्यकता नहीं है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा उठाया। आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस ने इसे अनसुना कर दिया। उनका आरोप है कि जबरन जहां चाहा, रास्ता रोक दिया गया है। सुझाव देने के बाद भी तिराहे पर यूटर्न नहीं बनाया गया। इसके चलते लोगों को लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है। 5 अप्रैल को जब रास्ता बंद किया गया, उसी दिन बताया गया था कि यह सोसायटी का एक मात्र रास्ता है। बंद करना ही है तो सेक्टर-47, 100 और 107 के तिराहे पर यूटर्न बनाना चाहिए। आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने उस वक्त बैरीकेडिंग के कारण अनहोनी की आशंका भी जताई थी, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया। जिसका खामियाजा बच्ची को भुगतना पड़ा। उसके पैर की हड्डी टूट गई। इस पूरे मामले को लेकर जब डीसीपी ट्रैफिक लखन यादव से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। जब उनसे उनके सीयूजी नम्बर पर जवाब मांगनी की कोशिश की गई तो उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। वहीं, इस मामले में मीडिया सेल से बात कर जवाब मांगनी की कोशिश की गई तो उन्होंने इस विभाग की जानकारी देने का हमारे अंतर्गत नहीं आता कहकर टाल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि फिर भी डीसीपी ट्रैफिक से बात कर जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं। वहीं, इस घटना के बाद एलिवेटेड रोड का निर्माण कर रही कंपनी ने लोहे के बैरीकेड्स हटाकर उसकी जगह सीमेंटेड बैरीकेड्स लगाने का काम शुरू कर दिया। सोसाइटी के लोग सीमेंटेड बैरीकेड्स लगाने की मांग पहले से ही कर रहे थे।
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