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120 करोड़ का फंड जुटाने के बाद भी CEO ने खुद को बताया कंगाल, कहा- बेंगलुरु में रेंट भरने के भी पड़ रहे हैं लाले

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OkCredit के सीईओ और को-फाउंडर हर्ष पोखरना ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने बताया कि साल 2019 में उनकी कंपनी ने 120 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई थी, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें पैसों की तंगी झेलनी पड़ रही है।

IIT कानपुर से पढ़े हर्ष ने बताया कि वो अकेले नहीं हैं, बल्कि कई स्टार्टअप फाउंडर ऐसे हैं जो करोड़ों की फंडिंग उठाते हैं, फिर भी उन्हें कोई बड़ा फायदा नहीं होता। हालात ऐसे हो जाते हैं कि उन्हें किराया देने में भी दिक्कत होती है।
120 करोड़ रुपये के फंड के बाद भी कंगालीimage

हर्ष ने LinkedIn पर पोस्ट करते हुए इसकी बड़ी वजह वेंचर कैपिटलिस्ट्स (VCs) को बताया। उन्होंने कहा कि VCs अक्सर नहीं चाहते कि फाउंडर के पास बहुत ज्यादा पैसे हों, ताकि वो अपने दम पर फैसले न ले सकें और निवेशकों की बात मानते रहें।

को-फाउंडर ने ये भी बताया कि उनके पास कोई सेविंग्स नहीं है और बेंगलुरु जैसे महंगे शहर में रेंट भरने को लेकर उन्हें काफी तनाव रहता है। इतनी बड़ी फंडिंग जुटाने के बावजूद उन्हें कॉलेज के स्टूडेंट्स की तरह जीवन जीना पड़ रहा है।


देखें वायरल पोस्ट हर्ष ने लिंक्डइन पोस्ट में आगे कहा कि जब कोई फाउंडर जरूरत के समय पैसे मांगता है, तो उसे ये कहकर मना कर दिया जाता है कि ‘तुम और अच्छा करने की भूख खो दोगे।’
लोगों ने दिए मिक्स रिएक्शन image

पोस्ट के वायरल होते ही कई यूजर्स ने इस पर प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने लिखा, ‘ये पोस्ट बिल्कुल सही है। एक फाउंडर होने के नाते पैसों की कमी की वजह से वाकई काफी स्ट्रगल करना पड़ता है।’ वहीं, दूसरे यूजर ने कहा कि ‘ये गलत है और आज के जमाने में फाउंडर्स भी अच्छा-खासा पैसा कमा लेते हैं।’

ओकक्रेडिट एक बहीखाता ऐप है, जो छोटे बिजनस को लेन-देन का हिसाब रखने और अपनी उधार की रकम जल्दी वसूल करने में मदद करता है। अब तक ये स्टार्टअप लाइटस्पीड इंडिया, टाइगर ग्लोबल और वाई कॉम्बिनेटर जैसे बड़े निवेशकों से लगभग $85 मिलियन फंड जुटा चुका है।

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