हर साल मानसून के साथ ही भारत के कई हिस्सों में डेंगू का कहर फिर से मंडराने लगता है। तेज़ बुखार, प्लेटलेट्स में गिरावट और कभी-कभी जानलेवा हालात तक पहुंच जाने वाली इस बीमारी को लेकर एक बड़ा सवाल हमेशा बना रहता है — क्या डेंगू वायरस को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है?
हालांकि विज्ञान ने वैक्सीन से लेकर जेनेटिक मच्छर तक कई मोर्चों पर बड़ी प्रगति की है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर हालात आज भी बहुत कुछ कह जाते हैं।
डेंगू: एक बार फिर परिचय
डेंगू वायरस एक फ्लैविवायरस है, जो मुख्यतः एडीज इजिप्टाई मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है। डेंगू के चार प्रमुख प्रकार (DENV-1 से DENV-4) होते हैं, और एक व्यक्ति जीवन में चार बार इससे संक्रमित हो सकता है — हर बार अलग प्रकार से।
क्या डेंगू को जड़ से मिटाना संभव है?
विशेषज्ञों के अनुसार, डेंगू को पूरी तरह से खत्म करना विज्ञान से अधिक नीति और व्यवहार से जुड़ा मामला है।
डॉ. कहते हैं,
“डेंगू एक ऐसा वायरस है जो इंसान और मच्छर के बीच घूमता रहता है। जब तक दोनों की कड़ी नहीं तोड़ी जाएगी, तब तक इसे खत्म करना नामुमकिन है।”
अब तक क्या प्रयास हुए हैं?
1. वैक्सीन की कोशिशें
डेंगू की वैक्सीन पर कई वर्षों से काम चल रहा है। Dengvaxia, TAK-003 और कुछ अन्य टीकों को कुछ देशों में स्वीकृति मिली है, लेकिन इनकी सीमाएं हैं — जैसे कि सभी सीरोटाइप्स पर समान प्रभाव नहीं, उम्र-विशेष असर और जोखिम। भारत में अब तक सार्वभौमिक डेंगू वैक्सीनेशन नहीं हुआ है।
2. जीन-एडिटेड मच्छर
ब्राजील, सिंगापुर और कुछ अन्य देशों में जीन-एडिटेड मच्छरों को छोड़ने की रणनीति अपनाई गई है। ऐसे नर मच्छरों को जीन परिवर्तित किया गया है ताकि वे आगे संतान उत्पन्न न कर सकें। इससे मच्छरों की संख्या घटाई जा सकती है।
3. Wolbachia तकनीक
एक और क्रांतिकारी तकनीक है Wolbachia बैक्टीरिया से संक्रमित मच्छर छोड़ना। ये बैक्टीरिया डेंगू वायरस के शरीर में पनपने की क्षमता को कमजोर कर देते हैं।
4. साफ-सफाई और जन जागरूकता
डेंगू को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका आज भी वही है — मच्छर न पनपने देना। जलभराव रोकना, गमलों, कूलरों की नियमित सफाई, और लोगों को जागरूक करना सबसे प्रभावशाली हथियार हैं।
तो क्या डेंगू का खात्मा असंभव है?
संक्षिप्त उत्तर है: नहीं, लेकिन कठिन जरूर है।
डेंगू का संपूर्ण उन्मूलन तभी संभव है जब:
हर स्तर पर मच्छर नियंत्रण नीति सख्ती से लागू हो,
लोगों की जनजागरूकता और जिम्मेदारी बढ़े,
वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध और प्रभावी हो,
और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और निगरानी हो।
चूंकि मच्छर सीमाएं नहीं पहचानते, इसलिए एक देश के प्रयास पर्याप्त नहीं होंगे।
क्या कहते हैं आंकड़े?
भारत में हर साल लाखों डेंगू केस सामने आते हैं।
WHO के अनुसार, पिछले 50 वर्षों में डेंगू के मामलों में 30 गुना बढ़ोतरी हुई है।
जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और जनसंख्या घनत्व इसके पीछे प्रमुख कारक हैं।
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