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दुनिया की खबरें: 'रूसी तेल का इस्तेमाल बंद करने से हमारी अर्थव्यवस्था होगी बर्बाद' और नेपाल में भूकंप के झटके

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हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल और गैस की खरीद रोकने की मांग किए जाने के बावजूद उनका देश रूस से जीवाश्म ईंधन खरीदना जारी रखेगा।

ओर्बन ने अपने सहयोगी देश अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को बताया कि रूसी ऊर्जा पर रोक लगाना हंगरी की अर्थव्यवस्था के लिए ‘‘विनाशकारी’’ होगा।

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूरोप के ज्यादातर देशों ने रूसी तेल और गैस की खरीद बंद कर दी है लेकिन हंगरी उन देशों में शामिल है, जो अब भी रूस से तेल और गैस खरीद रहा है।

ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में हंगरी समेत नाटो के सभी देशों से अपील की थी कि वे रूसी तेल की खरीद बंद करें।

ओर्बन ने सरकारी रेडियो को दिए एक बयान में कहा कि रूसी ऊर्जा पर रोक लगाना हंगरी की अर्थव्यवस्था के लिए ‘‘विनाशकारी’’ होगा।

ओर्बन ने कहा, "मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा ... कि यदि हंगरी को रूसी तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति नहीं मिली तो एक मिनट के भीतर ही हंगरी की अर्थव्यवस्था प्रभावित होने लगेगी... इसका मतलब है कि हंगरी की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी।"

यूरोपीय संघ और ट्रंप प्रशासन के दबाव के बावजूद ओर्बन ने कहा कि ऊर्जा नीति के मामले में हंगरी केवल अपने हित को प्राथमिकता देगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि हंगरी के हित में क्या है और हम उसी के अनुसार कार्य करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हंगरी और अमेरिका दोनों संप्रभु देश हैं। हमें एक-दूसरे के तर्क स्वीकार करने की आवश्यकता नहीं है।’’

नेपाल: रामेछाप जिले में मध्यम तीव्रता का भूकंप

पूर्वी नेपाल के रामेछाप जिले में शुक्रवार को रिक्टर पैमाने पर चार तीव्रता वाला भूकंप महसूस आया।

भूकंप से हालांकि किसी भी तरह के नुकसान की तत्काल कोई सूचना नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, अपराह्न दो बजकर 14 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र काठमांडू से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में रामेछाप जिले के वटैली क्षेत्र में स्थित था।

इससे पहले 17 अगस्त को भी इसी जिले में रिक्टर पैमाने पर चार की तीव्रता वाला भूकंप आया था।

इजराइल को गाजा में हमास के खिलाफ ‘काम खत्म करना ही होगा’: नेतन्याहू

संयुक्त राष्ट्र में आलोचकों और प्रदर्शनकारियों से घिरे इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को दुनिया के नेताओं से कहा कि इजराइल को गाजा में हमास के खिलाफ "काम खत्म करना ही होगा"।

उन्होंने गाजा में विनाशकारी युद्ध को समाप्त करने से इनकार करने पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय अलगाव के बावजूद संयुक्त राष्ट्र में एक मुखर भाषण दिया।

नेतन्याहू ने कहा, ‘‘पश्चिमी नेता दबाव में झुक गए होंगे। और मैं आपको एक चीज की गारंटी देता हूं। इजराइल नहीं झुकेगा।’’

शुक्रवार को जब वह भाषण देने ही वाले थे, तब कई देशों के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल से सामूहिक रूप से बाहर चले गए। उन्होंने इसके बाद संबोधन शुरू किया।

फलस्तीनी राज्य को मान्यता देने के देशों के हालिया फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नेतन्याहू ने कहा, "आपका यह शर्मनाक फैसला यहूदियों और हर जगह निर्दोष लोगों के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देगा।"

जैसे ही इजराइली नेता ने बोलना शुरू किया, हॉल में हल्का शोर सुनाई दे रहा था। कुछ लोगों ने तालियां भी बजाईं। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल वहीं रुका रहा, जिसने हमास के खिलाफ नेतन्याहू के अभियान में उनका समर्थन किया था।

नेतन्याहू ने कहा, ‘‘यहूदी-विरोध का खत्म होना मुश्किल है। दरअसल, यह बिल्कुल नहीं खत्म होता।’’ वह अक्सर अपने आलोचकों पर यहूदी विरोधी भावना रखने का आरोप लगाते रहे हैं।

नेतन्याहू को अंतरराष्ट्रीय अलगाव, युद्ध अपराधों के आरोपों और उस संघर्ष को समाप्त करने के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार का भाषण उनके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सबसे बड़े मंच पर अपनी प्रतिक्रिया देने का एक मौका था।

जैसा कि नेतन्याहू अक्सर अतीत में करते आए हैं, उन्होंने एक दृश्य दिखाया जिसमें क्षेत्र का एक नक्शा था जिसका शीर्षक था "द कर्स’’ (अभिशाप)। उन्होंने उस पर एक बड़े मार्कर से निशान लगा रखे थे।

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