लाइव हिंदी खबर :- भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया है कि 27 भारतीय नागरिक रुसी सेना में काम कर रहे हैं। भारत सरकार ने रुस से इन सभी भारतीयों की रिहाई और वापसी की मांग की है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि सरकार इस मुद्दे को गंभीर गंभीरता से देख रही है। पीडितों के परिवारों से लगातार संपर्क बनाए हुए है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए रूस के साथ राजनयिक स्तर पर बात कर रही है।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि भारतीय नागरिकों को किसी भी तरह से रूसी सेना में भर्ती होने के झूठे ऑफरों से बचना चाहिए। जायसवाल ने कहा कि यह बेहद खतरनाक और जोखिम भरा काम है। जिसमें जान का खतरा रहता है। भारत सरकार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह लालच में आकर ऐसे किसी प्रस्ताव को स्वीकार न करें।
सूत्रों के मुताबिक कुछ भारतीय नागरिकों को फर्जी नौकरी के बहाने रुस बुलाया गया था और बाद में उन्हें जबरन सेना में भर्ती कर लिया गया। अब उनके परिवार वाले लगातार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि रूस में मौजूद भारतीय दूतावास इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है और हर संभव कूटनीतिक प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि पीडित परिवारों को पूरी मदद दिलाई जाएगी। नागरिकों के सुरक्षित वापसी के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
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