नई दिल्ली। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के भीतर घुसकर किए गए साहसिक सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' ने न केवल आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुँचाया, बल्कि उनके प्रशिक्षण केंद्रों को भी ध्वस्त कर दुनिया को यह दिखा दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि कार्रवाई से जवाब दे रहा है। इस अभियान के बाद अब भारत के इज़राइल में राजदूत जेपी सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यह ऑपरेशन फिलहाल रुका हुआ है, लेकिन समाप्त नहीं हुआ है।
भारत की नीति अब स्पष्ट — जहां आतंकी होंगे, वहीं मार गिराए जाएंगे
इज़राइली टीवी चैनल i24 को दिए एक साक्षात्कार में राजदूत सिंह ने कहा, "हमारी प्राथमिकता अब स्पष्ट है — आतंकवाद को जड़ से खत्म करना। ऑपरेशन सिंदूर फिलहाल थमा है, लेकिन जब तक आतंक के ढांचे ज़िंदा हैं, भारत पीछे नहीं हटेगा।" उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, आक्रामक रणनीति अपना चुका है और यह अब 'नया सामान्य' है।
हाफिज, लखवी और मीर — भारत की अगली मांग
सिंह ने अमेरिका द्वारा 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपे जाने का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान को भी हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी और साजिद मीर जैसे खूंखार आतंकियों को भारत को सौंपना चाहिए। "हमने पाकिस्तान को पुख्ता सबूत, डोज़ियर और तकनीकी जानकारी तक दी है, फिर भी ये आतंकी आज़ाद घूम रहे हैं।"
कौन हैं ये आतंकी?
साजिद मीर और जकीउर रहमान लखवी, दोनों लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी हैं। मीर को 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसने हमले के दौरान पाकिस्तानी जमीन से सीधा नियंत्रण किया था। वहीं लखवी, उसी संगठन का ऑपरेशनल प्रमुख है और इस पूरे हमले की साजिश में उसका भी मुख्य हाथ था।
नूर खान एयरबेस पर हमला — पाकिस्तान में हड़कंप
राजदूत सिंह ने यह भी खुलासा किया कि 10 मई को पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर भारत की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इस्लामाबाद में घबराहट का माहौल था। “पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने खुद भारत से संपर्क कर सीजफायर की अपील की,” सिंह ने दावा किया।
पहलगाम हमला बना कार्रवाई की वजह
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सिंह ने कहा कि आतंकियों ने वहां पीड़ितों का धर्म पूछकर गोलियां चलाईं, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। इसी के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की।
सिंधु जल संधि पर सख्त रुख
सिंह ने पाकिस्तान द्वारा सिंधु जल संधि को लेकर की गई टिप्पणी को भी खारिज किया और प्रधानमंत्री मोदी के बयान को दोहराया — “खून और पानी साथ नहीं बह सकते।” जब तक आतंक का प्रवाह पाकिस्तान से जारी रहेगा, भारत की ओर से सिंधु जल संधि को स्थगित रखा जाएगा।
आतंक के खिलाफ भारत-इज़राइल की साझेदारी
अंत में, राजदूत सिंह ने वैश्विक आतंक के खिलाफ एकजुट प्रयासों की वकालत की और कहा कि भारत और इज़राइल जैसे देशों को मिलकर आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ साझा मोर्चा खोलना चाहिए। पाकिस्तान की ओर से हमले की जांच की पेशकश को उन्होंने केवल एक “ध्यान भटकाने की कोशिश” बताया।
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