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हरे निशान में खुला शेयर बाजार, आईटी और बैंकिंग शेयरों में तेजी

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मुंबई, 8 अप्रैल . भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में खुले. बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी जा रही है. सुबह 9:42 पर सेंसेक्स 982 अंक या 1.34 प्रतिशत की तेजी के साथ 74,120 और निफ्टी 303 अंक या 1.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,465 पर था.

तेजी का नेतृत्व सरकारी बैंकिंग और आईटी शेयरों द्वारा किया जा रहा है. निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 2.2 प्रतिशत और निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.80 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था.

लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 732 अंक या 1.50 प्रतिशत की तेजी के साथ 49,563 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 285 अंक या 1.89 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,352 पर था.

करीब सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे थे. पीएसयू बैंक और आईटी के अलावा मेटल, रियल्टी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और इंफ्रा में सबसे ज्यादा तेजी थी.

टाइटन, अदाणी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, बजाज फिनसर्व, एसबीआई, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, जोमैटो, बजाज फाइनेंस और एनटीपीसी टॉप गेनर्स थे. टीसीएस एकमात्र शेयर था, जो कि शुरुआती कारोबार में लाल निशान में था.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, वीके विजयकुमार ने कहा, “दुनिया भर के बाजारों में जो अनिश्चितता और अस्थिरता है, वह कुछ और समय तक बनी रहेगी. वैश्विक स्तर पर चल रही उठापठक से कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकले हैं. पहला, व्यापार युद्ध अमेरिका और चीन तक ही सीमित रहने वाला है. यूरोपीय संघ और जापान सहित अन्य देशों ने बातचीत का विकल्प चुना है. भारत ने पहले ही अमेरिका के साथ बीटीए पर बातचीत शुरू कर दी है. दूसरा, अमेरिका में मंदी का जोखिम बढ़ गया है. तीसरा, चीन की अर्थव्यवस्था सबसे बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना है.”

उन्होंने कहा कि निवेशकों को इंतजार करना चाहिए, क्योंकि स्पष्टता आने में समय लगेगा.

प्रमुख एशियाई बाजारों में खरीदारी देखी गई. टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और सियोल हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे. मंदी की आशंका के चलते सोमवार को अमेरिकी बाजार नकारात्मक बंद हुए.

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार छठे सत्र में 7 अप्रैल को शुद्ध विक्रेता बने रहे, जिन्होंने 9,040 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची. इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) शुद्ध खरीदार बने रहे, जिन्होंने 12,122 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश किया.

एबीएस/

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