New Delhi, 2 सितंबर . दिल्ली कैंट के करियप्पा परेड ग्राउंड में Tuesday को 12 दिवसीय थल सैनिक शिविर की शुरुआत हुई. इस शिविर में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 17 एनसीसी निदेशालयों के 1546 कैडेट हिस्सा ले रहे हैं.
थल सैनिक शिविर में शामिल होने वाले कैडेट में 867 लड़के और 679 लड़कियां शामिल हैं. उद्घाटन समारोह में अतिरिक्त महानिदेशक (ए) एयर वाइस मार्शल पीवीएस नारायण ने शिरकत की.
यह शिविर एनसीसी के सेना विंग के कैडेटों के लिए आयोजित राष्ट्रीय स्तर का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम है. कैडेट विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे बाधा प्रशिक्षण, मानचित्र वाचन और अन्य संस्थागत प्रशिक्षण गतिविधियों में भाग लेंगे.
इन गतिविधियों का उद्देश्य कैडेटों की शारीरिक सहनशक्ति, मानसिक तीक्ष्णता और टीम वर्क की भावना को मजबूत करना है.
थल सैनिक शिविर के दौरान कैडेटों को सेना के प्रशिक्षण के प्रमुख पहलुओं से परिचित कराया जाएगा, जिससे उनमें अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रीय एकता की भावना विकसित होगी.
एयर वाइस मार्शल पीवीएस नारायण ने कहा कि एनसीसी युवाओं को रोमांच, अनुशासन और सम्मान से भरा जीवन जीने का अनूठा अवसर प्रदान करती है.
उन्होंने कहा कि यह संगठन कैडेटों में नेतृत्व और सौहार्द की भावना विकसित करता है, जो उन्हें जीवन की चुनौतियों का आत्मविश्वास से सामना करने के लिए तैयार करता है.
यह शिविर न केवल प्रशिक्षण का मंच है, बल्कि चरित्र निर्माण और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने का भी एक अवसर है. इस शिविर को एक सकारात्मक दृष्टि के रूप में देखा जा रहा है. यह आयोजन कैडेटों को एक-दूसरे से सीखने और अपने कौशल को निखारने का मौका देगा.
पंजाब इंटरनेशनल ब्यूरो (पीआईबी) दिल्ली के अनुसार, यह शिविर युवाओं में देशभक्ति और एकता की भावना को और मजबूत करेगा. इस तरह के आयोजन एनसीसी के मिशन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो युवाओं को सशक्त और जिम्मेदार नागरिक बनाने पर केंद्रित है.
–
एसएचके/वीसी
You may also like
पीकेएल-12: जयपुर पिंक पैंथर्स ने पटना पाइरेट्स को रोमांचक मुकाबले में 39-36 से हराया
रायगढ़ में मराठा समाज ने मनाया जश्न, गूंजे 'एक मराठा, लाख मराठा' के नारे
Himachal Pradesh Weather: 6 हाईवे, 1311 सड़कें और स्कूल-कॉलेज बंद… हिमाचल में अगले 3 दिनों के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट
भविष्य की मांग अनुसार मेडिकल कॉलेजों व संबद्ध अस्पतालों के उन्नयन की योजना बनाएं: शुक्ल
अनन्य भाव से ईश्वर में मन लगाने से खुलने लगते हैं मुक्ति के द्वार : डॉ. उमेशचन्द्र शर्मा