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7 सितंबर, 1946 को क्या हुआ था? विवेक रंजन ने सुनाई अनकही कहानी

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Mumbai , 19 अगस्त . फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की अपकमिंग फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ सिनेमाघरों में रिलीज को तैयार है. अग्निहोत्री लगातार फिल्म से जुड़े अपडेट और जानकारी प्रशंसकों के साथ शेयर कर रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर 7 सितंबर, 1946 को हुई एक घटना का जिक्र किया.

पहले इस फिल्म का नाम ‘द दिल्ली फाइल्स: द बंगाल चैप्टर’ था. बाद में इस फिल्म का नाम बदलकर मेकर्स ने ‘द बंगाल फाइल्स: राइट टू लाइफ’ कर दिया. यह फिल्म 1946 के नोआखली नरसंहार और डायरेक्ट एक्शन डे की हिंसा पर आधारित है, जिसकी अग्निहोत्री ‘हिंदू नरसंहार’ के रूप में व्याख्या करते हैं.

अग्निहोत्री ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए बताया कि 7 सितंबर 1946 को क्या हुआ था. उन्होंने लिखा, “7 सितंबर, 1946 को लक्ष्मी पूजा के दिन, गुलाम सरवर और उनके भाई चोटोमिया ने नोआखली में भीड़ का नेतृत्व किया और हिंदुओं के खिलाफ हत्या, बलात्कार, जबरन धर्मांतरण और आतंक का अभियान चलाया. यह नोआखली हिंदू नरसंहार का सबसे काला अध्याय था.”

‘द बंगाल फाइल्स’ अग्निहोत्री की ‘फाइल्स ट्रिलॉजी’ का तीसरा और अंतिम हिस्सा है, जिसमें ‘द ताशकंद फाइल्स’ (2019) और ‘द कश्मीर फाइल्स’ (2022) शामिल हैं. फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार समेत अन्य कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं. फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से ‘ए’ सर्टिफिकेट मिल चुका है.

अग्निहोत्री ने बताया कि फिल्म का नाम पहले ‘द दिल्ली फाइल्स’ रखा गया था, क्योंकि “भारत का भाग्य दिल्ली में लिखा जाता है, न कि बंगाल में.” हालांकि, जनता की मांग पर इसे ‘द बंगाल फाइल्स’ नाम दिया गया. उनका कहना है कि यह फिल्म भारत के इतिहास की अनकही सच्चाई को सामने लाएगी और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करेगी.

विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म का निर्माण अभिषेक अग्रवाल और पल्लवी जोशी ने किया है और यह बंगाल के ऐतिहासिक योगदान और उसकी त्रासदी को पर्दे पर पेश करने को तैयार है. निर्माताओं ने फिल्म का ट्रेलर 17 अगस्त को रिलीज किया, जिसे लेकर कोलकाता में लॉन्च के दौरान विवादों का सामना करना पड़ा.

एमटी/एएस

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