मुरादाबाद, 21 अक्टूबर . Samajwadi Party (सपा) के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने Maharashtra के पुणे Saturdayवाड़ा नमाज विवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे धार्मिक नफरत की राजनीति करार दिया है.
सपा नेता एसटी हसन ने से बात करते हुए कहा कि देश की बदकिस्मती है कि अगर कोई इबादत करता है, तो एक-दूसरे पर एतराज हो जाता है.
उन्होंने कहा, “पैदा करने वाला तो अलग नहीं है. हिंदुओं को किसी और ने और मुसलमानों को किसी और ने पैदा नहीं किया. सभी का एक ही रचयिता है. फिर नमाज पढ़ने वाली जगह का क्या हाल कर दिया गया? वहां की सांसद को तो सांसद भी नहीं सकते हैं. वह अपने लोगों को लेकर पहुंच गईं और जगह का ‘शुद्धिकरण’ करा दिया. पूरी दुनिया में क्यों मजाक उड़वा रहे हैं?”
एसटी हसन ने नितेश राणे के हाजी अली दरगाह पर हनुमान चालीसा पढ़ने वाले बयान पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, “अगर नितेश राणे हाजी अली की दरगाह पर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे, तो हमें नहीं लगता कि उन्हें कोई रोकेगा. लेकिन, आप लोग दूसरी ताकतों के दबाव में आकर देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी को सोचने पर मजबूर कर रहे हो कि हिंदुस्तान का यह कालखंड सबसे बुरा है, जो पहले कभी नहीं आया होगा.”
उन्होंने आजम खान के ‘दीपक जलाने वाले कुछ भी जला सकते हैं’ बयान का समर्थन करते हुए कहा, “आजम खान साहब ने सही कहा. कोई आदमी दीपक जला रहा है, क्योंकि उनका इतिहास रहा है.”
उन्होंने आह्वान करते हुए कहा, “यह समय एक होने का है. अगर हम एक नहीं होंगे, तो दुनिया की ताकतें हमें जीने नहीं देंगी. हिंदू-मुस्लिम एकता ही देश की असली ताकत है.”
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एससीएच/एबीएम
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