Mumbai , 8 नवंबर . शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने Saturday को विश्वास जताया कि बिहार में एक बार फिर से एनडीए की Government बनने जा रही है और सीएम की कुर्सी पर नीतीश कुमार विराजमान होने जा रहे हैं. मेरे इस दावे में कोई शक नहीं है. राज्य की जनता में नीतीश कुमार को सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपने का उत्साह साफ दिख रहा है.
समाचार एजेंसी से बातचीत में संजय निरुपम ने कहा कि विधानसभा चुनाव में किसे कितनी सीटें मिलेंगी, ये तो नतीजों के बाद ही साफ हो पाएगा. प्रदेश में कितनी सीटें आएंगी, इस पर मेरी तरफ से कोई टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा. इस पर अगर Union Minister अमित शाह टिप्पणी करें तो ज्यादा बेहतर रहेगा, क्योंकि वो प्रदेश की Political स्थिति को भलीभांति समझते हैं.
एक बात साफ है कि प्रदेश में एक बार फिर से एनडीए की Government बनने जा रही है. इसमें किसी भी प्रकार के शक की कोई गुंजाइश नहीं है.
उन्होंने दावा किया कि Chief Minister नीतीश कुमार के खिलाफ किसी भी प्रकार की सत्ता विरोधी लहर देखने को नहीं मिल पा रही है. लोगों में नीतीश कुमार को सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने का उत्साह साफ दिख रहा है. ऐसी स्थिति में अगर मैं प्रदेश में एनडीए की जीत का दावा करू, तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि हमें यहां पर प्रदेश की Political स्थिति को समझना होगा कि जब किसी Chief Minister के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर नहीं रहती है और मतदान में भी इजाफा दर्ज किया जाता है. ऐसी स्थिति में दुनिया की कोई भी ताकत उसे चुनाव जीतने से नहीं रोक सकती. मौजूदा समय में बिहार में इसी तरह की स्थिति देखने को मिल रही है. इससे स्पष्ट है कि बिहार में एक बार फिर से नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी पर विराजमान होने जा रहे हैं. प्रदेश में एनडीए की Government का बनना तय है.
Political स्थिति पूरी तरह से एनडीए के पक्ष में है. अभी तक प्रदेश की Political स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है, क्योंकि दूसरे चरण का चुनाव शेष है. दूसरे चरण के बाद स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी. 14 तारीख के बाद जब नतीजे घोषित होंगे, तो सभी लोग अपने लिए नए-नए ठिकाने खोजेंगे.
Maharashtra के डिप्टी सीएम अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार के लैंड डील मामले पर संजय निरुपम ने कहा कि इसे लेकर Government की तरफ से जांच का आदेश दे दिया गया है. किसी भी प्रकार की डील अभी तक नहीं हुई है. हां, कुछ ताकतें थीं, जो इस पूरी महंगी जमीन को सस्ते में देने में अनियमितता बरत रही थीं. इन सभी सवालों के जवाब के लिए प्रशासनिक जांच के आदेश दिए गए हैं. इसमें एक सीनियर लेवल के आईएएस ऑफिसर भी शामिल हैं. अब जांच के बाद साफ होगा कि आखिर कौन गलत करना चाह रहा था और इसमें कौन सी ताकतें शामिल थीं. इसके अलावा, इसमें जो भी स्थानीय ताकत थी, उनका तबादला कर दिया गया है. इस तरह से Maharashtra Government ने एक नया घोटाला होने से रोक दिया. इसके लिए इन्हें श्रेय देना चाहिए.
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एसएचके/वीसी
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