नई दिल्ली, 14 अप्रैल . संविधान निर्माता, ‘भारत रत्न’ बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक शॉर्ट फिल्म शेयर की, जिसके जरिए कांग्रेस को घेरा और बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया.
2 मिनट 50 सेकंड के वीडियो के माध्यम से भाजपा ने बताने की कोशिश की है कि आखिरकार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा क्यों दिया था?
वीडियो के मुताबिक, ”बीआर अंबेडकर पंडित जवाहर लाल नेहरू सरकार में कानून मंत्री थे. वह 4 साल से अधिक समय तक इस पद पर रहे थे. लेकिन, उन्होंने पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जातियों के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया और सितंबर 1951 में नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया.”
वीडियो में दिखाया गया है कि अंबेडकर तत्कालीन पीएम नेहरू पर पिछड़े वर्गों की उपेक्षा का आरोप लगाते हैं. इसके अलावा वह नेहरू सरकार की विदेश नीति पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े करते हैं.
भाजपा द्वारा शेयर किए गए वीडियो में बताया गया कि बाबा साहेब अंबेडकर ने संसद में अपना इस्तीफा देते हुए कहा था, ”क्या केवल मुसलमान ही इस देश में सुरक्षा के हकदार हैं, क्या अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और भारतीय ईसाइयों को सुरक्षा की जरूरत नहीं है. उनके लिए प्रधानमंत्री ने क्या किया है?”
भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक अन्य शॉर्ट फिल्म शेयर की, जिसमें बताया गया कि कांग्रेस पार्टी बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेकर सत्ताधारी एनडीए सरकार को घेर रही है और संविधान की कॉपी लेकर हर जगह घूम रही है. लेकिन, उसी कांग्रेस ने संविधान निर्माता को अपमानित करने की कई बार कोशिश की. इसके बाद साल 1990 में तत्कालीन वीपी सिंह सरकार ने बाबा साहेब अंबेडकर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ सम्मान से नवाजा.
वीडियो में दिखाया गया है कि जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पार्टी ने जानबूझकर ऐसे कदम उठाए, जो डॉ. अंबेडकर की चुनावी हार और उन्हें राजनीतिक हाशिए पर धकेले जाने में योगदानकर्ता बने.
इसमें बताया गया है कि साल 1952 के लोकसभा चुनाव में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने मुंबई (तब बंबई) नॉर्थ सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र से शेड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. कांग्रेस ने बाबा साहेब के खिलाफ उनके पूर्व सहायक नारायण सादोबा काजरोलकर को अपना उम्मीदवार बनाया.
खास बात यह भी है कि चुनाव में बाबा साहेब अंबेडकर को हराने के लिए पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने उनके खिलाफ सक्रिय रूप से प्रचार किया. इस चुनाव में काजरोलकर ने बाबा साहेब को हराया और करीब 15,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. इसके अलावा वीडियो में बताया गया कि इंदिरा गांधी ने बाबा साहेब अंबेडकर को चुनाव में हराने वाले नारायण सादोबा काजरोलकर को पद्मभूषण से भी सम्मानित किया.
इससे पहले भी कई मौकों पर भाजपा ने कांग्रेस पर संविधान निर्माता बाबा साहेब का अपमान करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं, भाजपा की ओर से आरोप लगाए जाते रहे हैं कि नेहरू-गांधी परिवार ने इंदिरा और नेहरू को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया, लेकिन अंबेडकर को जानबूझकर भारत रत्न नहीं दिया गया.
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एसके/एबीएम
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