New Delhi, 10 अक्टूबर ( ). दिल्ली Police की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए 2.070 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाली चरस बरामद की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 80 लाख रुपये आंकी गई है.
इस ऑपरेशन में दो आरोपियों, सागर सेजवाल और मनोज संसनवाल को गिरफ्तार किया गया. उनके कब्जे से तस्करी में इस्तेमाल की गई एक टाटा नेक्सन कार भी जब्त की गई है. इस मामले में एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20/29 के तहत अपराध शाखा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. जांच अभी जारी है.
यह ऑपरेशन 8 अक्टूबर को गुप्त सूचना के आधार पर शुरू हुआ, जिसमें पता चला कि सागर सेजवाल और मनोज संसनवाल दिल्ली में चरस की आपूर्ति के लिए पहुंचने वाले हैं. सहायक Police आयुक्त संजय कुमार नागपाल की देखरेख में इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी और रॉबिन त्यागी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई. इसमें एएसआई संजीव कुमार, एएसआई नीरज कुमार, हेड constable अभिनव, नवीन कुमार और अमित कुमार शामिल थे. इस टीम ने सिंघु बॉर्डर, दिल्ली में जाल बिछाकर दोनों आरोपियों को टाटा नेक्सन कार सहित धर दबोचा. उनके पास से 2.070 किलोग्राम चरस बरामद की गई.
पूछताछ में पता चला कि त्योहारी सीजन और विभिन्न आयोजनों के कारण दिल्ली में चरस की मांग बढ़ी थी. आरोपी स्थानीय उपभोक्ताओं और अंतरराज्यीय ड्रग सप्लायरों को चरस की आपूर्ति करने की योजना बना रहे थे. सागर सेजवाल का पहले भी आपराधिक इतिहास रहा है. वह 2017 में Himachal Pradesh में एनडीपीएस अधिनियम के तहत चरस तस्करी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है और 23 महीने तक जेल में रहा था. 2019 में रिहा होने के बाद उसने फिर से दिल्ली में चरस की तस्करी शुरू कर दी. Police की निगरानी से बचने के लिए वह वाहकों का इस्तेमाल करता था. लेकिन, दिसंबर 2024 में उसे खुद चरस लाने के लिए Himachal Pradesh जाना पड़ा.
दूसरा आरोपी, मनोज संसनवाल दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और दो बच्चों का पिता है. वह 2020 में सागर के संपर्क में आया और शुरू में चरस का सेवन करता था. बाद में वह तस्करी में शामिल हो गया और कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया व आईआईटी दिल्ली के छात्रों को चरस की आपूर्ति करने लगा. वह सागर के साथ Himachal Pradesh जाकर चरस लाने में भी मदद करता था. मनोज का भी आपराधिक इतिहास है; वह जाफरपुर कलां थाने में जबरन वसूली के एक मामले में शामिल रहा है.
दिल्ली Police के उपायुक्त (अपराध) संजीव कुमार यादव ने बताया कि इस ऑपरेशन से ड्रग्स तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को नुकसान पहुंचा है. Police अब तस्करी के स्रोत और इसके प्राप्तकर्ताओं का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है.
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एसएचके/एएस
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