New Delhi, 25 अगस्त . उबर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दारा खोसरोशाही ने कहा है कि भारत कंपनी का तीसरा सबसे बड़ा मोबिलिटी बाजार है, जहां 14 लाख से अधिक चालक हैं और यह कंपनी के लिए “जरूरी जीत” है.
ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ एक पॉडकास्ट में, उबर के सीईओ ने कहा कि भारतीय बाज़ार में वृद्धि ‘शानदार’ है. उन्होंने आगे कहा, “भारत उबर के लिए एक ज़रूरी जीत है, न सिर्फ़ कल, बल्कि अगले 10 सालों के लिए भी.”
खोसरोशाही ने कहा कि ओला पहले उबर की मुख्य प्रतिस्पर्धी हुआ करती थी, लेकिन रैपिडो वर्तमान में भारत में ज़्यादा मज़बूत प्रतिद्वंद्वी है.
उन्होंने आगे कहा, “किसी व्यवसाय की असली परीक्षा यह नहीं है कि आप खर्च करते हुए कितनी तेज़ी से विकास कर सकते हैं. बल्कि यह है कि आप मुनाफ़े में रहते हुए कितनी तेज़ी से विकास कर सकते हैं. और मुझे लगता है कि रैपिडो अभी इससे बहुत दूर है. लेकिन वे नए-नए प्रयोग करते रहे हैं.”
उन्होंने भारत के मोबिलिटी भविष्य के लिए विद्युतीकरण के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा, “अगर हमें लंबे समय तक यहां नेतृत्व करना है, तो इलेक्ट्रिक वाहनों को केंद्रीय भूमिका में रखना होगा. स्वचालित और इलेक्ट्रिक वाहन मोबिलिटी में बदलाव लाएंगे, लेकिन नवाचार में समय लगता है.”
विस्तार से पहले, खोसरोशाही ने सुझाव दिया कि स्टार्टअप विशिष्ट बाज़ारों पर ध्यान केंद्रित करें ताकि उत्पाद-बाज़ार में सामंजस्य सुनिश्चित हो और दीर्घकालिक निवेशक मूल्य के लिए सतत विकास के साथ तालमेल बिठाया जा सके.
जब उनसे पूछा गया कि ट्रैवल बुकिंग में ठहराव क्यों महसूस होता है, तो उन्होंने कहा कि नवाचार का असली अवसर एआई में निहित है. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ट्रैवल इंडस्ट्री ने इतना नवाचार किया है. बुकिंग का अनुभव काफी हद तक एक जैसा दिखता है, और यह मुझे निराश करता है. यात्रा की खोज बहुत बेहतर होने वाली है. एजेंट आपकी सूची को छोटा करने और विकल्पों को एकत्रित करने में बहुत अच्छा काम कर सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय फिर भी आपका ही होगा.”
उन्होंने आगे कहा कि होटल में चेक-इन करना भी सवारी बुक करने जितना ही सहज होगा.
भविष्य की ओर देखते हुए, खोसरोशाही को एजेंटिक एआई अनुभव से सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. उबर के सीईओ ने आगे कहा कि यात्री एआई एजेंट या एलएम एजेंट से यात्रा बुक करवा सकते हैं, विभिन्न साइटों पर जा सकते हैं और कीमतों की तुलना कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि दक्षता के अलावा, निजीकरण भी महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने आगे कहा, “आप एक ऐसा एजेंट चाहते हैं जो अन्वेषण और उपयोग का मिश्रण हो… न केवल आपको वह दिखाए जो आपको पहले पसंद आया था, बल्कि आपको नए विकल्पों से आश्चर्यचकित भी करे.”
खोसरोशाही उबर को सिर्फ़ सवारी से कहीं बढ़कर बताते हैं. “मैं सचमुच चाहता हूं कि उबर आपके रोज़मर्रा के जीवन के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम की तरह हो. हम आपके रोज़मर्रा के जीवन को थोड़ा आसान बनाते हैं.” खोसरोशाही बताते हैं कि उबर का विकास कई कठिन फैसलों का नतीजा है, जैसे कि 2020 में उबर ईट्स को ज़ोमैटो को बेचना.
उन्होंने कहा, “हमें नहीं लगता था कि हम भारत में जीत पाएंगे, और हम वास्तव में गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे.”
उन्होंने स्वचालित ड्राइविंग को अपरिहार्य और अंततः समाज के लिए लाभदायक बताया, हालांकि उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस बदलाव में तकनीक, बुनियादी ढांचे, उबर और उसके ड्राइवरों को अनुकूल होने में समय लगेगा.
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जीकेटी/
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