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छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला: डॉक्टर प्रवीन सोनी निलंबित, पुलिस ने हिरासत में लिया

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Bhopal , 5 अक्टूबर . Madhya Pradesh के छिंदवाड़ा में कफ सिरप के सेवन से 10 बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में Governmentी डॉक्टर होते हुए निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करने वाले प्रवीन सोनी को निलंबित किया गया है. लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने Sunday को इस संबंध में आदेश जारी किया.

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, डॉक्टर प्रवीन सोनी ने निजी प्रैक्टिस के दौरान इलाज के लिए आए शिशुओं को ऐसी दवाइयां प्रिस्क्राइब की, जिनके सेवन के बाद बच्चों को तेज बुखार और पेशाब में कठिनाई हुई. बाद में किडनी फेल होने के कारण बच्चों की मौत हो गई.

विभागीय जांच में यह तथ्य सामने आया है कि डॉक्टर ने शिशुओं की सही से जांच किए बिना ही दवाइयों का पर्चा लिखा, जिससे बच्चों की हालत बिगड़ी और यह एक घातक चूक साबित हुई. विभागीय जांच में पता चला कि अगर समय रहते उचित चिकित्सा दी जाती, तो इन बच्चों की जान बचाई जा सकती थी.

स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे प्रकरण को गंभीर लापरवाही मानते हुए डॉक्टर सोनी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. उन्हें Madhya Pradesh सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के तहत दोषी माना गया है. आदेश के अनुसार, डॉक्टर सोनी को निलंबन काल में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी.

हालांकि, इस मामले में Police ने अपनी तरफ से कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर को हिरासत में ले लिया. कफ सिरप बनाने वाली कंपनी और डॉक्टर प्रवीण सोनी के खिलाफ परासिया थाने में तीन गंभीर धाराओं में First Information Report दर्ज की गई है.

छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने बताया, “छिंदवाड़ा जिले के परासिया इलाके में पिछले कुछ दिनों से बच्चों की मौत की खबरें आ रही हैं. पता चला है कि ये मौतें गंभीर खांसी और जुकाम के कारण हुई हैं. इसके बाद, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने भी जांच की और रिपोर्ट सौंपी. जांच में पता चला कि कफ सिरप में एक ऐसा यौगिक था, जिससे ये मौतें हुईं. इसके आधार पर मामला दर्ज किया गया है और दवाओं के सैंपल और अन्य संबंधित विवरणों के संबंध में आगे की कानूनी कार्रवाई चल रही है.”

डीसीएच/एएस

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