New Delhi, 15 सितंबर . उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले पहले भी विरोध करते रहे हैं, लेकिन देश की जनता सबकुछ समझती है. पीएम मोदी ने मुसलमानों में भरोसा जगाने का काम किया है.
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने से बातचीत में कहा, “पीएम मोदी ने उम्मीद जगाई है कि India के गरीब मुसलमानों का हक उनको मिलकर रहेगा. पिछले 75 सालों में India के मुस्लिमों को जो हक मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल पाया और इसलिए पीएम मोदी ने एक उम्मीद जगाने का काम किया. मैं समझता हूं कि अगर गरीबों को उनका हक पहले ही मिल जाता तो इस समय हालात कुछ और होते. हमने देखा है कि वक्फ का दुरुपयोग किया गया है. पीएम मोदी चाहते हैं कि वक्फ का पैसा और जमीन गरीब मुस्लिमों के काम आए ताकि वे मुख्यधारा से जुड़ सकें.”
उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम का विरोध कर रहे लोगों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “75 साल में उन लोगों ने क्या किया है, यह सबके सामने है. जो लोग इसका विरोध करना चाहते हैं, वे पहले भी विरोध करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. लेकिन, देश की जनता समझती है कि जब उन्होंने पहले विरोध किया था, तो अदालत ने केवल तीन मुद्दों पर उनकी आपत्ति स्वीकार की, जबकि बाकी सभी को खारिज कर दिया. इससे स्पष्ट होता है कि उनका पिछला विरोध अर्थहीन था. मैं इतना ही कहूंगा कि वे निर्णय आने से पहले देश जलाने पहुंच गए थे. हमने देखा है कि पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में विरोध के नाम पर क्या किया गया. मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की गई. मैं बता दूं कि आम मुसलमान इस कानून के खिलाफ नहीं है और वह यह भी जानता है कि देश की आजादी के बाद से अब तक वक्फ को लूटने का काम किया गया है.”
उन्होंने आगे कहा, “गरीबों के हक को छीना गया और उस पर अमीरों ने डाका डालने का काम किया है. जो लोग देश को बांटकर घटिया राजनीति कर रहे हैं, इसका जवाब जनता उनको देगी.”
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा, “उत्तराखंड में लगभग 2,200-2,300 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से लगभग 200 के लिए हमने प्रबंधन समितियां बनाई हैं. उत्तराखंड एक छोटा राज्य है और हमने सभी से अपनी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण कराने का आग्रह करते हुए एक अभियान चलाया था. इस अभियान के तहत, 150 से ज्यादा प्रबंधन समितियां पहले ही वक्फ में पंजीकरण करा चुकी हैं. जो लोग इसका विरोध कर रहे थे और दावा कर रहे थे कि ‘उम्मीद पोर्टल’ पर कोई भी पंजीकरण नहीं करेगा, उनके लिए यह एक करारा तमाचा है.”
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एफएम/
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