नई दिल्ली, 16 अप्रैल . इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (आईएमईसी) एक ऐसा इनिशिएटिव है, जिसका फायदा इससे जुड़े सभी देशों को मिलेगा. इस प्रोजेक्ट में कोई लीडर नहीं है, बल्कि इसमें आपसी सहयोग से चीजों को आगे बढ़ाया जाएगा. यह बयान सीआईईयू के बोर्ड मेंबर और स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक, प्रोफेसर अश्वनी महाजन ने बुधवार को दिया.
राष्ट्रीय राजधानी में आईएमईसी कॉन्क्लेव 2025 के साइडलाइन में से बात करते हुए महाजन ने कहा कि यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जो प्रभुत्व के लिए नहीं, बल्कि, सहयोग के लिए बनाया गया है. इस कारण आईएमईसी से बड़ी संख्या में देश जुड़ना चाहते हैं. इसका उद्देश्य व्यापार ही नहीं, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ लोगों का कल्याण करना है.
2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आईएमईसी प्रोजेक्ट्स को बढ़ते वैश्विक व्यवधानों के जवाब में एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है.
सीआईईयू की बोर्ड मेंबर भारत सरकार में पूर्व विदेश राज्य मंत्री, मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आज के समय में पूरी दुनिया को वैकल्पिक मार्गों की आवश्यकता है, जिससे सस्ते में सामानों को दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंचाया जा सके.
लेखी ने आगे कहा कि 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आईएमईसी इनिशिएटिव को शुरू किया था. इसका उद्देश्य सभी की भागीदारी से एक वैकल्पिक व्यापारिक मार्ग तैयार करना है, जिसमें इससे जुड़े सभी देश पक्षकार हों.
से बातचीत करते हुए भारत के पूर्व विदेश सचिव, श्याम सरन ने कहा कि इसे ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए. सदियों से भारत समुद्री मार्गों का केंद्र रहा है, जो पूर्व और पश्चिम को जोड़ता था. इसी तरह, प्राचीन कारवां मार्ग जो हमें मध्य एशिया और चीन से जोड़ता था. आज के समय में हम आईएमईसी के जरिए इन प्राचीन मार्गों को दोबारा से जोड़ रहे हैं. इसका महत्व आप इससे समझ सकते हैं कि यह हमें वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक अत्यधिक गतिशील क्षेत्र पश्चिम एशिया से जोड़ता है.
विदेश मंत्रालय में सचिव (इकोनॉमिक अफेयर), दम्मू रवि ने कहा कि आईएमईसी को हमें लंबी अवधि के नजरिए से देखना चाहिए. इससे सभी भागीदार देशों को लाभ होगा और नौकरियां पैदा होंगी, जिससे क्षेत्र में तनाव कम होगा.
उन्होंने आगे कहा कि भारत की दृष्टि से देखें तो आईएमईसी में देश एक अहम भूमिका निभाएगा. इससे भारतीय बिजनेस को भी फायदा होगा.
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एबीएस/एबीएम
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