वाराणसी, 24 अक्टूबर . वाराणसी जिला न्यायालय Friday को ज्ञानवापी स्थल के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला सुना सकता है, जहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वेक्षण के दौरान कथित तौर पर एक शिवलिंग पाया गया था. इस सुनवाई में यह तय होने की उम्मीद है कि विवादित क्षेत्र को ढकने वाले खराब हो चुके सीलिंग कपड़े को बदला जाना चाहिए या नहीं.
ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट के आदेश पर हुई सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग मिलने के बाद उस क्षेत्र को सील कर दिया गया था. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सील किए गए हिस्से में मौजूद मछलियों को वुजूखाने में स्थानांतरित किया जाए. लेकिन अब, सीलिंग कपड़ा पूरी तरह खराब हो चुका है. ऐसे में, वराणसी जिला अदालत से उम्मीद है कि वह क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रखने और विवादों को रोकने के लिए नया कपड़ा लगाकर दोबारा सील करने का फैसला लेगी.
हिंदू पक्ष की ओर से वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “ज्ञानवापी मामला ट्रायल नंबर 18/22 का है, जिसमें जिला और सिविल कोर्ट के आदेश पर एएसआई सर्वे कराया गया था. सर्वे के दौरान, वजूखाना नामक जगह के अंदर एक शिवलिंग मिला था. चूंकि यह मामला बेहद संवेदनशील था और जिला स्तर से लेकर Supreme court तक सुनवाई का विषय बन चुका था, इसलिए इलाके को सील कर अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा में रखा गया था.”
उन्होंने आगे कहा, “सीलिंग कपड़ा अब खराब हो गया है. हमने किसी भी आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए जिला अदालत से इसे बदलने का अनुरोध किया है. उम्मीद है कि अदालत आज इस पर अपना फैसला सुनाएगी कि कपड़ा बदला जाएगा या नहीं.”
ज्ञानवापी विवाद कई वर्षों से चल रहा है. 12 सितंबर 2022 को वाराणसी जिला न्यायालय ने विवादित परिसर में हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा-अर्चना की अनुमति मांगने वाली पांच हिंदू महिलाओं की याचिका पर आपत्तियों को खारिज कर दिया था.
आदेश में स्थल की धार्मिक पहचान पर प्रश्न उठाने वाली सुनवाई जारी रखने की अनुमति दी गई, जिससे प्रभावी रूप से पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के बारे में चर्चा पुनः शुरू हो गई, यह कानून पूजा स्थलों के धार्मिक चरित्र को उसी रूप में बनाए रखने के लिए बनाया गया था, जैसा कि वे 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में थे.
यह मामला अगस्त 2021 में शुरू हुआ, जब पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर कथित रूप से स्थित मूर्तियों की पूजा करने की अनुमति मांगी. याचिका के बाद, एक जांच आयोग ने मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया, जिसमें हिंदू याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि वजूखाना के अंदर एक शिवलिंग पाया गया था.
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पीएसके
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