शिरडी, 6 अप्रैल . श्री रामनवमी का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. शिरडी में रामनवमी उत्सव पर विशाल जुलूस निकाला गया और अयोध्या में भगवान राम का अभिषेक श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना. हावड़ा में भी शोभायात्रा निकली, जिसमें भक्तों ने उत्साह से हिस्सा लिया.
श्री रामनवमी उत्सव पर शिरडी में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया. तीन दिवसीय इस उत्सव के तहत अखंड पारायण के बाद साईं बाबा की तस्वीर, पोथी और वीणा के साथ भव्य जुलूस निकाला गया.
इस जुलूस में संस्थान की अध्यक्ष और प्रधान जिला न्यायाधीश अंजू शेंडे (सोनटक्के) ने पोथी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडीलकर ने वीणा और उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी भिमराज दराडे व प्रशासकीय अधिकारी रामदास कोकणे ने साईं बाबा की तस्वीर हाथ में थामी.
मंदिर प्रमुख विष्णु थोरात, जनसंपर्क अधिकारी तुषार शेलके, संरक्षण अधिकारी रोहिदास माली, पुजारी, शिरडी के ग्रामवासी और साईं भक्त बड़ी संख्या में शामिल हुए. आध्यात्मिक माहौल में निकले इस जुलूस में श्रद्धालुओं ने साईं बाबा और प्रभु श्रीराम के नारे लगाए. आज रात भर साईं बाबा मंदिर दर्शन के लिए खुला रहेगा.
देशभर से आए भक्तों ने पालकी जुलूस में हिस्सा लिया. एक श्रद्धालु ने कहा, “साईं बाबा में श्रीराम बसे हैं. दोनों के दर्शन से मन को बहुत सुकून मिलता है.”
रामनवमी पर अयोध्या के सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी और राम मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. पंडित विट्ठल महाराज ने बताया कि आज भगवान राम का प्राकट्य उत्सव मनाया जा रहा है. सुबह श्रृंगार आरती हुई, जिसके बाद यज्ञ और पूजन शुरू हुआ. आज वाल्मिकी रामायण और रामचरितमानस का पाठ होगा. भगवान को 56 भोग लगाया जाएगा.
भक्तों का कहना है कि इस पवित्र दिन रामलला के दर्शन से जीवन धन्य हो जाता है. अयोध्या में चारों ओर भक्ति का माहौल छाया हुआ है.
रामनवमी के मौके पर हावड़ा में श्यामश्री मोड़ से राम मंदिर तक शोभायात्रा निकाली गई. शिव शंकर साधु खान के नेतृत्व में आयोजित इस शोभायात्रा में भाजपा नेता सजल घोष शामिल हुए. जब उनसे पिछले दिन शोभायात्रा में हथियारों के इस्तेमाल न किए जाने पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हर बात का जवाब देना जरूरी नहीं. अगर हथियार लेना गुनाह है, तो क्या यह सिर्फ रामनवमी पर दिखता है? बाकी दिन क्यों नहीं?”
हावड़ा को संवेदनशील क्षेत्र बताए जाने पर सजल घोष ने कहा, “इसे दीदी ने संवेदनशील बनाया, मुसलमानों ने नहीं. दंगा-दंगा बोलकर माहौल खराब किया जाता है, जबकि पूरे देश में रामनवमी श्रद्धा से मनाई जा रही है.”
रामनवमी चैत्र मास की नवमी को मनाई जाती है, जो भगवान राम के जन्म का उत्सव है. यह पर्व नवरात्रि के समापन का भी प्रतीक है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया था, ताकि धरती पर धर्म की स्थापना हो और अधर्म का नाश हो. देशभर में मंदिरों में विशेष पूजा, हवन और भजन-कीर्तन हो रहे हैं.
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एसएचके/केआर
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