हनोई, 2 मई . भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष शुक्रवार को वियतनाम पहुंच गए. उन्हें एक विशेष समारोह के लिए वियतनाम बौद्ध विश्वविद्यालय लाया गया और फिर एक भव्य जुलूस के साथ थान ताम पैगोडा ले जाया गया, जहां अवशेषों का सार्वजनिक रूप प्रदर्शित किया जाएगा.
इससे पहले, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को वियतनाम ले जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह एक ऐसा अनुभव है जो आत्मा को छू जाता है.
रिजिजू ने अपने पोस्ट में कहा “भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को वियतनाम ले जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने पर मुझे बहुत खुशी हुई, यह एक ऐसा अनुभव है जो आत्मा को छू जाता है. शांति, करुणा और सद्भाव की इस पवित्र यात्रा में आंध्र प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति और छायांकन मंत्री, श्रद्धेय भिक्षु कंदुला दुर्गेश और अधिकारी शामिल हुए. पवित्र अवशेष संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस समारोह के हिस्से के रूप में 2 से 21 मई 2025 तक वियतनाम में रहेंगे.”
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, “भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के साथ वियतनाम की गहन आध्यात्मिक यात्रा पर जाने से पहले मैंने उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हम अपने साथ शांति, करुणा और एकता का उनका शाश्वत संदेश लेकर जा रहे हैं.”
इससे पहले बुधवार को, भिक्षुओं, भिक्खुनियों, राजनयिकों के एक बड़े समूह ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय के संरक्षित परिसर में पवित्र बुद्ध अवशेष के समक्ष मंत्रोच्चार और विशेष प्रार्थना की. भारत में वियतनाम के राजदूत गुयेन थान हाई और भारत में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त प्रियंगा विक्रमसिंघे भी प्रार्थना में शामिल हुए.
भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से, संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस के समारोह के साथ-साथ पहली बार वियतनाम के चार शहरों में पवित्र बुद्ध अवशेषों की प्रदर्शनी आयोजित कर रहा है.
भगवान बुद्ध का यह पवित्र अवशेष मूलगंध कुटी विहार, सारनाथ में स्थापित है और इसकी खुदाई आंध्र प्रदेश के नागार्जुन कोंडा में की गई थी. माना जाता है कि यह 246 ई. से भी पुराना है.
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एसएचके/एमके
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