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हिन्दुस्तान जिंक ने देबारी स्विचयार्ड में एआई सक्षम हॉटस्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया, उत्पादन दक्षता में होगा इजाफा

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उदयपुर, 24 सितंबर 2025 । हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने अपनी उत्पादन क्षमता और दक्षता को बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राजस्थान के देबारी स्थित स्विचयार्ड में एआई सक्षम हॉटस्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया है। यह डिजिटल समाधान इलेक्ट्रिकल उपकरणों की विश्वसनीयता बढ़ाने के साथ-साथ दक्षता सुधारने में मदद करेगा।

यह अत्याधुनिक सिस्टम बिजली के उतार-चढ़ाव का रियल-टाइम पता लगाता है और संभावित समस्याओं की स्थिति में व्हाट्सएप व ईमेल के जरिए तुरंत अलर्ट भेजता है। यह क्लाउड और ऑन-प्रिमाइसेस दोनों प्लेटफॉर्म पर कार्य करता है। इससे अनियोजित शटडाउन को नियोजित मेंटेनेंस में बदला जा सकता है, जिससे उत्पादन समय और दक्षता में उल्लेखनीय सुधार होता है।

इस एप्लीकेशन को गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप Repeek.AI के साथ मिलकर विकसित किया गया है। ट्रायल चरण के दौरान मिले फीडबैक के आधार पर इसे और बेहतर बनाया गया। इसके परिणामस्वरूप कंपनी के कुल उत्पादन घाटे में लगभग 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

यह सिस्टम क्लाउड और इलेक्ट्रिकल SCADA (Supervisory Control and Data Acquisition) रूम से भी आसानी से एक्सेस किया जा सकता है, जिससे टीम तुरंत प्रतिक्रिया दे सकती है। हिन्दुस्तान जिंक का लक्ष्य अपनी सभी इकाइयों में ऐसे एआई आधारित मॉनिटरिंग और ऑटोमेशन सॉल्यूशंस लागू करना है ताकि परिसंपत्तियों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “स्विचयार्ड और रेक्टिफायर हॉटस्पॉट मॉनिटरिंग एप्लीकेशन बेहतर परिचालन की दिशा में हमारा एक और कदम है। हमारा विश्वास है कि डिजिटल नवाचार ही धातु और खनन उद्योग के भविष्य को आकार देगा। एआई संचालित निगरानी और पूर्वानुमानित सिस्टम न केवल दक्षता बढ़ा रहे हैं, बल्कि सभी इकाइयों में स्केलेबल और तकनीक-आधारित संचालन की मजबूत नींव भी रख रहे हैं।”

कंपनी सुरक्षा, दक्षता और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए लगातार उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रही है। हाल ही में हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी तरह का पहला डिजिटल सहयोग केंद्र स्थापित किया है, जो सभी इकाइयों के डेटा का विश्लेषण कर त्वरित निर्णय लेने में मदद करता है। साथ ही, एआई संचालित कैमरा निगरानी प्रणाली और स्मेल्टिंग ऑपरेशंस में रोबोटिक ऑटोमेशन लागू किए गए हैं, जिससे दक्षता 20–30% तक बढ़ी है, मैनुअल हस्तक्षेप 50% तक घटा है और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

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