बिजनौर जिले के नगीना कस्बे में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने आम धड़कनें भी थम सी गईं। यह कहानी उस घर की है जहां एक महिला पिछले दस साल से घरेलू काम कर रही थी। इतनी लंबी अवधि तक वह विश्वास का प्रतीक बन चुकी थी—but that illusion broke within mere seconds.
घर की महिलाएँ अक्सर उसके अजीब व्यवहार को महसूस तो कर रही थीं, लेकिन पास कोई पुख्ता सबूत न होने से कोई सुराग नहीं मिला। फिर अचानक, एक दिन, उन्होंने चुपचाप रसोई में CCTV कैमरा लगवा दिया।
और फिर हुआ सनसनीखेज़ खुलासा—CCTV ने उस घटना को कैद कर लिया, जब वह घरेलू सहायिका गिलास में पेशाब कर रही थी, और फिर उसी पेशाब को धुले-बर्तनों पर छिड़क रही थी।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हुआ—लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रहीं: कुछ लोग इसे अमानवीय तक कहते हुए खतरनाक स्वास्थ्य जोखिम बता रहे थे, तो कोई यह सोचकर हैरान था कि कैसे दोस्ताना दिखने वाला चेहरा अंदर से घातक हो सकता है।
जब महिला दोबारा घर आई, तो परिजन मौके पर ही उसे पकड़कर पुलिस को सौंप गए। पुलिस ने उसी दिन ‘शांतिभंग की धाराओं’ में चालान कर उसे हिरासत में ले लिया। महिला ने गलती स्वीकार की, लेकिन जो कारण था—उस पर चुप्पी साध गई।
अब एक सवाल सबके दिमाग में घूम रहा है—क्या यह रणनीतिपूर्ण साज़िश थी? या क्षणभंगुर मानसिक कशमकश का नतीजा? परिवार, पुलिस और पूरा कस्बा इस घटना की गहराई तक जाने के लिए जांच की पहल कर चुका है।
सबसे दर्दनाक टूटा है वह जो विश्वास था—जो दस साल तक खड़ा रहा, पर अब शून्य हो गया 10 सेकंड की एक करतूत में।
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