बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा मुसलमानों पर दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बरेली से ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बाबा को मौका मिलता है तो वह तुरंत मुसलमानों को कटघरे में खड़ा कर देते हैं। वह हर मुद्दे पर गंभीर आरोप लगाते हैं। धीरेंद्र शास्त्री का काम मुसलमानों को कटघरे में खड़ा करना है। धीरेंद्र शास्त्री मुसलमानों के खिलाफ बोलने का मौका तलाशते हैं।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर लगे गंभीर आरोपबरेली से ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम आजादी का पर्व मना रहे हैं। देश आजाद है और 26 को लोकतंत्र का जश्न मनाया जा रहा है। देशभर के मुसलमान खुश हैं और खुशी से लोकतंत्र का जश्न मना रहे हैं। मदरसों में भी लोकतंत्र का जश्न मनाया गया। बाबा धीरेंद्र शास्त्री किसी भी मदरसे में जाकर देख सकते हैं कि वहां शान से तिरंगा फहराया जा रहा है।
मदरसों पर त्यौहार न मनाने का आरोप पूरी तरह से गलतमौलाना ने कहा कि बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री हमेशा मुसलमानों के खिलाफ बोलने का मौका तलाशते रहते हैं। उन्हें कहीं न कहीं मुसलमानों पर आरोप लगाने का मौका मिल ही जाता है। बरेलवी ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री को सोचना चाहिए कि जिन मदरसों पर वह आज त्यौहार न मनाने का आरोप लगा रहे हैं, वह कितना बड़ा झूठ है। मैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री से कहना चाहता हूं कि यह उनके सीमित ज्ञान की बात है।
बाबा को आजादी का इतिहास नहीं पतामौलाना ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री को आजादी का इतिहास नहीं पता है और उन्हें आजादी का इतिहास पढ़ने की जरूरत है। मौलाना ने कहा कि ये वो मदरसे हैं जिन्होंने 1857 से लेकर 1947 तक हिंदुस्तान को आजाद कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी. इन मदरसों से जुड़े उलमा और इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों ने गोरे लेकिन काले रंग के लोगों को सात समंदर पार भेजने में अहम भूमिका निभाई थी. धीरेंद्र शास्त्री को इतिहास उठाकर देखना चाहिए कि इनसे जुड़े 55 हजार से ज्यादा मदरसों ने अपने देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान कुर्बान की है. ऐसे में धीरेंद्र शास्त्री को गलत बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. तिरंगा झंडा मदरसे की शान है. ये हमारे धार्मिक स्थलों की शान है. तिरंगा हमारे हिंदुस्तान की शान है.
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