Tirupati Balaji: तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) मंदिर में भक्तों द्वारा केश दान करना एक प्राचीन परंपरा है, जिसे श्रद्धा और आस्था का प्रतीक माना जाता है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । माना जाता है कि अपने केशों का दान करने से भक्त भगवान वेंकटेश्वर को अपनी सभी इच्छाएं अर्पित कर देते हैं, और बदले में उन्हें आशीर्वाद और सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। इस धार्मिक अनुष्ठान के पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा भी जुड़ी है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती है।
महिलाएं और पुरुष दोनों करते है केश दान
क्या आप जानते हैं कि तिरुमला स्थित तिरुपति बालाजी(Tirupati Balaji) मंदिर में केश दान करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है? यहां हजारों श्रद्धालु अपनी आस्था व्यक्त करते हुए अपने केशों का दान करते हैं। चाहे पुरुष हों या महिलाएं, सभी इस अनुष्ठान में भाग लेते हैं। यह परंपरा केवल धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक गहरी पौराणिक कथा और मान्यता जुड़ी हुई है। आज हम आपको इस प्राचीन परंपरा के महत्व और उससे संबंधित कथा के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं तिरुपति बालाजी(Tirupati Balaji) में केश दान से जुड़ी मान्यताओं के बारे में…
केश दान करने का कारण
तिरुपति बालाजी(Tirupati Balaji) मंदिर में केश दान की परंपरा के पीछे मान्यता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं और मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। माना जाता है कि बालों का दान करने से न केवल नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, बल्कि यह भी विश्वास है कि इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस अनुष्ठान के माध्यम से भक्त अपनी भक्ति और समर्पण का प्रमाण देते हैं, और भगवान वेंकटेश्वर से सुख-समृद्धि और खुशहाल जीवन की कामना करते हैं।
क्या है पौराणिक कथा?
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति पर चीटियों का पहाड़ जैसा झुंड बन गया। एक गाय रोज वहां दूध गिराती थी। जब उसके मालिक ने यह देखा, तो गुस्से में उसने कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे भगवान वेंकटेश्वर के सिर पर चोट लग गई और उनके बाल झड़ गए। उनकी मां, नीला देवी ने अपने बाल काटकर उनके सिर पर रखे, जिससे उनकी चोट ठीक हो गई। इससे प्रसन्न होकर भगवान ने कहा कि जो भी भक्त उनके लिए अपने बालों का दान करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। तभी से यह परंपरा तिरुपति बालाजी में चली आ रही है।
केश दान परंपरा बना व्यापार का साधन
तिरुपति बालाजी(Tirupati Balaji) मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु अपने बालों का दान करते हैं, जिन्हें विशेष प्रक्रिया के बाद ई-नीलामी के जरिए बेचा जाता है। इस नीलामी से करोड़ों रुपये जुटाए जाते हैं, जो मंदिर के विकास और सामाजिक कार्यों में लगते हैं। इन बालों की यूरोप, अमेरिका, चीन और अफ्रीका में विग और हेयर एक्सटेंशन के लिए भारी मांग है। इस प्रकार, बालों का दान धार्मिक महत्व के साथ-साथ एक वैश्विक व्यापार का हिस्सा बन चुका है।
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