Neck Band Blast News : आमतौर पर अब ज्यादातर लोग फोन पर बात करने के लिए ब्लूटूथ नेक बैंड और ईयरबड का इस्तेमाल करने लगे है, लोगों के कान में आपको ये डिवाइस आसानी से दिख जाएंगी। वहीं, पिछले कुछ सालों में ईयरफोन का ट्रेंड भी कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है।
अब लोग वायर वाले ईयरफोन की जगह पोर्टेबल ईयरफोन का इस्तेमाल करने लगे हैं। लोग उन उलझन भरी तारों के बजाय चार्जिंग वाले ईयरफोन या ईयरबड ज्यादा पसंद करते हैं। ये ईयरफोन यूज करने में तो काफी आसान होते हैं, लेकिन बीते कुछ दिनों में कुछ बड़ी घटनाएं भी सामने आ चुकी है, जिससे इन गैजेट्स पर सवाल खड़े हो गए हैं। ताजा मामला लखनऊ से आया, जहां 27 साल के आशीष नाम के युवक के नेक बैंड में अचानक ब्लास्ट हुआ और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। राजधानी लखनऊ में नेकबैंड से हुए ब्लास्ट से बड़ा हादसा हो गया है, इंदिरा नगर के सेक्टर 17 के रहने वाले 27 साल के आशीष की नेकबैंड में ब्लास्ट होने से अचानक मौत हो गई। आशीष नेक बैंड के जरिए फोन पर बात कर रहा था। तभी अचानक से नेकबैंड में ब्लास्ट होने की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच में जुटी हुई है।
नेक बैंड ने ली युवक की जिंदगी
आशीष के रिश्तेदार और आस पड़ोस ने बताया कि (3 ) मंगलवार 11:30 बजे आशीष छत पर नेक बैंड के जरिए काफी देर से किसी से बात कर रहा था और आशीष की माता और उसकी बहन उसको ढूंढ रही थी, इसी दौरान आशीष छत पर गिरा पड़ा दिखा और शरीर का काफी हिस्सा जला पड़ा था और उसके सीने, पेट, दाहिने पैर की खाल उधड़ गई थी। ब्लूटूथ नेक बैंड पिघलकर गले से लटक रहा था। उसे तुरंत राममनोहर लोहिया संस्थान ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जैसे ही आस पड़ोस और परिजनों को हादसे की जानकारी हुई आशीष के घर के बाहर भीड़ जुटना शुरू हो गई और नेकबैंड में ब्लास्ट की खबर से लोगों में दहशत का माहौल बन गया।
गैजेट्स में ब्लास्ट, क्वालिटी पर सवाल
फिलहाल यह ब्लूटूथ डिवाइस, ईयरबड नेक बैंड में हुए ब्लास्ट से मौत का भारत में पहला मामला नहीं है इससे पहले भी मौत के कई मामले सामने आ चुके है और कई लोग अलग-अलग तरीकों से हादसे का शिकार भी हुए हैं। लेकिन लगातार हो रहे इन गैजेट्स में ब्लास्ट से क्वालिटी और इस्तेमाल करने के तरीके पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं लोग सस्ते के चक्कर में लोकल ब्लूटूथ हेडफोन और ईयरबड लें कर छोटे बड़े हादसों का शिकार हो रहे है लेकिन उसके बावजूद भी मार्केट में धड़ल्ले से लोकल गैजेट्स बिक रहे है और मैन्युफैक्चरर चंद पैसों के लालच के लिए लोगों की जान जोखिम में डाल रहे है।
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