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उच्च रक्तचाप: जानें इसके कारण, लक्षण, उपचार और रोकथाम के उपाय

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उच्च रक्तचाप की समझ

डेस्क। उच्च रक्तचाप एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। जब रक्त धमनियों में दबाव लगातार 140/90 मिमीएचजी या उससे अधिक हो जाता है, तो इसे उच्च रक्तचाप माना जाता है। यह रोग अक्सर लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन यदि इसका इलाज न किया जाए तो यह दिल का दौरा, स्ट्रोक और गुर्दे की विफलता जैसी जटिलताएं पैदा कर सकता है।


उच्च रक्तचाप क्या है?

रक्तचाप को दो अंकों में मापा जाता है:
सिस्टोलिक दबाव (पहला अंक) — जब हृदय धड़कता है और रक्त को पंप करता है। डायस्टोलिक दबाव (दूसरा अंक) — जब हृदय आराम की स्थिति में होता है।
यदि दो अलग-अलग दिनों में रक्तचाप 140/90 मिमीएचजी या अधिक हो, तो हाइपरटेंशन की पुष्टि होती है।


जोखिम कारक

बदलने योग्य जोखिम कारक: अधिक नमक, संतृप्त वसा और ट्रांस फैट वाला आहार, फल और सब्ज़ियों का कम सेवन, शारीरिक निष्क्रियता, धूम्रपान और शराब का सेवन, अधिक वजन या मोटापा, वायु प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय कारक।
न बदलने योग्य जोखिम कारक: पारिवारिक इतिहास, 65 वर्ष से अधिक आयु, मधुमेह या किडनी की बीमारी जैसी पुरानी बीमारियाँ।


उच्च रक्तचाप के लक्षण

अधिकतर लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, इसलिए इसे 'Silent Killer' कहा जाता है। हालांकि, जब रक्तचाप बहुत अधिक (180/120 मिमीएचजी या उससे अधिक) हो जाता है, तब ये लक्षण हो सकते हैं:

  • तेज़ सिरदर्द
  • सीने में दर्द
  • चक्कर आना या भ्रम की स्थिति
  • धुंधली दृष्टि
  • सांस लेने में कठिनाई
  • मतली या उल्टी
  • अनियमित हृदय गति
  • नाक से खून आना
  • कानों में आवाज़ या घंटी बजना
  • घबराहट और बेचैनी

अगर ये लक्षण हों और रक्तचाप बहुत अधिक हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।


उच्च रक्तचाप की पहचान कैसे करें?

उच्च रक्तचाप का पता केवल रक्तचाप मापकर ही लगाया जा सकता है। यह प्रक्रिया सरल और दर्दरहित होती है। यद्यपि घर पर ऑटोमेटिक मशीन से रक्तचाप मापा जा सकता है, लेकिन डॉक्टर द्वारा मूल्यांकन ज़रूरी होता है।


उच्च रक्तचाप का उपचार

जीवनशैली में बदलाव: कम नमक और संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, वजन कम करना, धूम्रपान और शराब छोड़ना, तनाव प्रबंधन व खुश रहना।
दवाएं: यदि जीवनशैली में बदलाव पर्याप्त न हो, तो डॉक्टर रक्तचाप कम करने के लिए दवाएं दे सकते हैं। आपके लक्ष्य रक्तचाप स्तर आपके अन्य रोगों पर निर्भर करेगा:

हृदय रोग, मधुमेह, या किडनी रोग होने पर लक्ष्य होता है: 130/80 मिमीएचजी से कम। सामान्य व्यक्तियों के लिए लक्ष्य: 140/90 मिमीएचजी से कम।

आप होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और एलोपैथिक किसी भी एक विकल्प को चुन सकते हैं। सही आहार एवं जीवनशैली बदलाव होने पर ताउम्र दवाएं लेना आवश्यक नहीं होगा।


रोकथाम: क्या करें और क्या न करें

ताजा, खट्टे और मौसम के फलों का सेवन ज्यादा करें।
पोटैशियम धनी आहार (केले, टमाटर, संतरा) अधिक खाएँ।
नमक की मात्रा 2 ग्राम प्रतिदिन से कम रखें।
अपने तनाव एवं क्रोध को सही तरह से निपटाना सीखें।
सक्रिय रहें – कम से कम 30 मिनट प्रति दिन व्यायाम करें।
सप्ताह में 2 दिन शक्ति-निर्माण वाले व्यायाम करें।
वजन नियंत्रित रखें, डॉक्टर की सलाह से दवा लें।
नियमित स्वास्थ्य जांच कराएँ।

अधिक नमक और तले-भुने भोजन न खाएँ।
सलाद में ऊपर से नमक न छिड़के, पापड़ और अचार का बहुत कम उपयोग करें।
धूम्रपान या तंबाकू का सेवन न करें।
शराब का सेवन न करें।
दवा लेना न भूलें या अपनी दवाएं दूसरों के साथ साझा न करें।


उच्च रक्तचाप के दुष्परिणाम

अगर उच्च रक्तचाप का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह कई गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है:
हृदय संबंधी रोग: धमनियों का सख्त हो जाना, हृदयाघात (Heart Attack), हृदयविफलता (Heart Failure), अनियमित धड़कन।
स्ट्रोक: मस्तिष्क की रक्त नलिकाओं का फटना या अवरुद्ध होना।
गुर्दे की बीमारी: रक्तचाप से किडनी को नुकसान पहुँचता है जिससे किडनी फेल हो सकती है।


निष्कर्ष

उच्च रक्तचाप एक गंभीर लेकिन नियंत्रण योग्य बीमारी है। समय पर पहचान, जीवनशैली में बदलाव और सही उपचार से इसे रोका जा सकता है। यदि आपने लंबे समय से रक्तचाप की जांच नहीं कराई है, तो आज ही कराएँ — यह आपके दिल, मस्तिष्क और किडनी की रक्षा कर सकता है।
“आज का छोटा कदम, कल की लंबी उम्र की गारंटी बन सकता है!”


विशेषज्ञ की राय

डॉ हेमलता सिंह
होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी, मनोवैज्ञानिक, काउंसलर, आहार विशेषज्ञ & शोधकर्ता


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