Next Story
Newszop

सोलर सिस्टम सब्सिडी: बिजली के बिलों में राहत पाने का तरीका

Send Push
सोलर पैनल से बिजली के बिल में कमी

गर्मी के मौसम में बिजली की मांग बढ़ जाती है, जिससे नागरिकों को अधिक बिजली के बिल का सामना करना पड़ सकता है। इस समस्या का समाधान सोलर पैनल के माध्यम से किया जा सकता है। सोलर पैनल का उपयोग करके बिजली के बिल को शून्य किया जा सकता है, और यह पर्यावरण को भी सुरक्षित बनाता है। सरकार नागरिकों को सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है।


सोलर सिस्टम के लाभ

सोलर सिस्टम स्थापित करने के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग किया जाता है, और इनकी कीमत के अनुसार कुल खर्च का अनुमान लगाया जा सकता है। सोलर उपकरणों की गुणवत्ता, पैनल के प्रकार और आकार के आधार पर खर्च तय होता है। बाजार में कई ब्रांड के सोलर उपकरण उपलब्ध हैं। ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड सिस्टम के अनुसार उपकरणों का चयन किया जाता है।


ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम से आप बिजली के बिल में कमी ला सकते हैं, जबकि ऑफ-ग्रिड सिस्टम अधिक बिजली वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होते हैं, जिसमें बैटरी भी लगाई जा सकती है।


सोलर सिस्टम के उपकरणों की लागत

1 किलोवाट के ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में मुख्य उपकरण के रूप में सोलर पैनल और सोलर इन्वर्टर शामिल होते हैं। 1 किलोवाट सोलर पैनल लगाने की लागत लगभग 30,000 रुपये है, जबकि सोलर इन्वर्टर की कीमत 15,000 रुपये है। ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी भी लगाई जा सकती है, जिसकी कुल लागत लगभग 74,000 रुपये हो सकती है।


सोलर पैनल सिस्टम की कुल लागत

UTC के 1 किलोवाट सोलर सिस्टम में शामिल उपकरणों की लागत इस प्रकार है:


सोलर पैनल– 335 वाट के 3 सोलर पैनल 30 हजार रुपये
सोलर पैनल वारंटी 25 साल की परफॉरमेंस वारंटी
गामा प्लस 112 RMPPT सोलर इन्वर्टर 15 हजार रुपये
इन्वर्टर वारंटी 2 साल रुपये
सोलर बैटरी– UST1560 x 1 24 हजार रुपये
बैटरी वारंटी 5 साल
जरूरी जगह 100 वर्ग फुट
आवेरगे पावर आउटपुट 4 यूनिट/दिन
कुल खर्चा 82,970 रुपये
डीस्कॉउंट के बाद कुल खर्चा 62,369 रुपये

Loving Newspoint? Download the app now