इंडियन एयरलाइंस में चार दशकों तक सेवा देने के बाद, कंधार हाईजैक के नायक पायलट देवी शरण ने शनिवार को रिटायरमेंट लिया। 65 वर्ष की आयु में, उन्होंने दिसंबर 1999 में अपहृत विमान IC-814 के कमांडर के रूप में अपनी भूमिका निभाई थी।
अपने विदाई समारोह में, देवी शरण ने कहा कि वे अब एक यात्री के रूप में भी सतर्क रहेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उनके आस-पास के लोग सुरक्षित रहें। उन्होंने अपनी अंतिम उड़ान का संचालन किया और कहा कि उनकी यात्रा में कई खतरों का सामना करना पड़ा।
फेयरवेल के दौरान, उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि आई-814 के अपहरण ने उन्हें जीवन के कई महत्वपूर्ण सबक सिखाए। उनका मुख्य उद्देश्य हमेशा नागरिकों की सुरक्षा रहा। उन्होंने प्रार्थना की कि ऐसे बुरे दिन किसी भी क्रू मेंबर या पायलट के जीवन में दोबारा न आएं।
भविष्य की योजनाएं
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अब देवी शरण अंटार्कटिका और साइबेरिया की विमानन कंपनियों से जुड़ने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने एक और महत्वपूर्ण घटना साझा की, जब उन्होंने 1 जनवरी 2000 को अपहृत विमान को कंधार से भारत वापस लाने में मदद की।
12 साल बाद, उन्होंने एक बार फिर से मौत का सामना किया जब उनका विमान गृह युद्ध से प्रभावित लीबिया में फंस गया था। आतंकियों ने विमान को निशाना बनाया, लेकिन देवी शरण ने उसे सुरक्षित निकालने में सफलता पाई।
उन्होंने 1984 में करनाल से उड़ान की ट्रेनिंग ली और इंडियन एयरलाइंस में शामिल हुए। उनकी अंतिम उड़ान 4 जनवरी को मेलबर्न से दिल्ली के लिए थी, जिसमें उनके सहकर्मियों ने उन्हें विशेष विदाई दी। अब, वे करनाल जाकर खेती करने की योजना बना रहे हैं।
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