बथुआ के फायदे
यदि लीवर में गांठ हो, तो बथुए का पाउडर बनाकर उसका काढ़ा बनाएं। इसे पीने से गांठें घुल सकती हैं।
पथरी के लिए भी यह काढ़ा लाभकारी है।
यह मर्दाना शक्ति को बढ़ाता है और भूख को भी बढ़ाता है।
पथरी की समस्या को खत्म करने के लिए बथुए के रस में शक्कर मिलाकर पीने से पथरी बाहर आ जाती है।
जुओं को खत्म करने के लिए बथुए के पत्तों को गर्म पानी में उबालकर सिर धोएं।
बवासीर के लिए, बथुए को उबालकर उसका पानी पीना फायदेमंद होता है।
दाद की समस्या में, बथुए का रस पीने और तिल के तेल के साथ लगाने से राहत मिलती है।
दिल की बीमारियों में बथुआ का सेवन लाभकारी होता है।
जलन होने पर, बथुए के पत्तों का लेप लगाने से जलन कम होती है।
कब्ज दूर करने के लिए बथुए का रस पीना फायदेमंद है।
लीवर को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से बथुए का साग खाना चाहिए।
पेट के कीड़ों के लिए, बथुए को उबालकर सेवन करें।
नाक से खून बहने पर, बथुए के रस की चार बूंदें पीने से राहत मिलती है।

बथुआ या बथुए
:
- कई बार हमारे शरीर में गांठें बन जाती हैं, जो गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती हैं। बथुए का उपयोग इन गांठों के उपचार में किया जा सकता है, जैसा कि आचार्य बाल कृष्णा जी बताते हैं।
- बथुआ एक पौष्टिक साग है, जिसे आमतौर पर घरों में नहीं उगाया जाता। इसके सेवन से कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
- इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है, और आयुर्वेद के अनुसार, बथुआ की सब्जी खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण आहार है।
- बथुआ एक खरपतवार के रूप में उगता है, खासकर जौ और गेहूं के खेतों में। इसमें लोहा और क्षार होते हैं, जो पथरी से बचाते हैं। इसे कई नामों से जाना जाता है, जैसे क्षारपत्र और व्हाइट गूज फुट।
बथुआ के अद्भुत फायदे:
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