कई बार लोग एलोपैथिक डॉक्टर के पास जाकर इलाज करवाते हैं, लेकिन जब स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता, तो वे आयुर्वेद की ओर रुख करते हैं। इस समय तक, बीमारी उनके शरीर में गहराई से समा चुकी होती है, और वे औषधियों पर काफी खर्च कर चुके होते हैं, साथ ही दुष्प्रभावों का सामना भी करना पड़ता है।
आयुर्वेदिक उपचार के बाद रोगी को स्वास्थ्य में सुधार का अनुभव होता है। ऐसे में वे सोचते हैं कि यदि वे शुरुआत से ही आयुर्वेद का सहारा लेते, तो बेहतर होता। इसलिए, रोग के प्रारंभिक चरण में ही आयुर्वेदिक उपचार लेना आवश्यक है। यहां हम आपको कुछ औषधियों के बारे में बताएंगे, जिनसे आप कई बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। इन तीन औषधियों का सेवन सर्दियों में करना सबसे लाभकारी है।
चमत्कारी औषधि के लिए आवश्यक सामग्री
इन तीन औषधियों का मिश्रण तैयार करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता है:
मिश्रण बनाने की विधि
इन तीनों सामग्रियों को अच्छे से साफ करके हल्का सा सेंकें (ज्यादा न सेंकें)। फिर इन्हें अच्छे से मिलाकर मिक्सर में पाउडर बना लें और कांच की बोतल या बरनी में भर लें।
सेवन की विधि
रात को सोने से पहले एक चम्मच पाउडर को एक गिलास हल्का गर्म पानी के साथ लें। गर्म पानी के साथ लेना बहुत जरूरी है। इसके बाद कुछ भी खाना-पीना नहीं है। यह चूर्ण सभी उम्र के लोग ले सकते हैं।
इस चूर्ण का नियमित सेवन करने से शरीर में जमा गंदगी मल और पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाएगी। इसका पूरा लाभ 80-90 दिन में महसूस होगा, जब अतिरिक्त चर्बी घट जाएगी और नया शुद्ध खून बनेगा। त्वचा की झुर्रियां भी धीरे-धीरे गायब हो जाएंगी, जिससे शरीर तेजस्वी और सुंदर बनेगा।
इन 18 रोगों में फायदेमंद
यह मिश्रण निम्नलिखित 18 रोगों में लाभकारी है:
महत्वपूर्ण जानकारी
कृपया ध्यान दें: कुछ लोग कलौंजी को काली जीरी समझते हैं, जो गलत है। काली जीरी अलग होती है, जो आपको आयुर्वेद की दुकान से मिल जाएगी। इसका स्वाद हल्का कड़वा होता है।
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