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हस्तरेखाशास्त्र में विष्णु रेखा: जानें इसके महत्व और विशेषताएँ

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विष्णु रेखा का महत्व

हस्तरेखाशास्त्र में हथेली पर मौजूद रेखाओं का विश्लेषण किया जाता है। यह विज्ञान बताता है कि हथेली में पाए जाने वाले कुछ विशेष चिह्न व्यक्ति के जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।


इन चिह्नों के माध्यम से यह समझा जा सकता है कि किसी व्यक्ति का जीवन कैसा होने वाला है।image


विष्णु-चिह्न की पहचान

हस्तरेखाशास्त्र में विष्णु-चिह्न को अत्यंत शुभ माना जाता है। जिन व्यक्तियों की हथेली में यह चिह्न होता है, उन्हें भाग्यशाली माना जाता है। आइए जानते हैं विष्णु-चिह्न से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।


विष्णु-चिह्न क्या है?image


यह चिह्न अंग्रेजी के 'V' अक्षर के समान होता है। जब हृदय रेखा गुरु पर्वत पर जाकर दो भागों में विभाजित होती है, तो एक सिरा तर्जनी और मध्यमा अंगुली के बीच की ओर और दूसरा सिरा हथेली पर तर्जनी अंगुली के नीचे गुरु पर्वत की ओर जाता है। इसे विष्णु-चिह्न कहा जाता है। यह भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। जिनके हाथ में यह चिह्न होता है, उन पर विष्णु जी की कृपा बनी रहती है।image


विष्णु-चिह्न के लाभ

हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार, जिनके हाथ में विष्णु-चिह्न होता है, उन पर भगवान की विशेष कृपा होती है। ऐसे लोग सत्य के मार्ग पर चलते हैं और मेहनत करने पर उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। हालांकि, यदि वे गलत कार्य करते हैं, तो उन्हें दंड भी भुगतना पड़ सकता है। ऐसे व्यक्तियों को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है और उनके कार्य सफल होते हैं।image


अन्य शुभ चिह्न

ये चिह्न भी होते हैं शुभ


विष्णु-चिह्न के अलावा, हथेली पर शंख, चक्र, त्रिशूल, कमल आदि चिह्न भी शुभ माने जाते हैं। जिनके हाथ में ये चिह्न होते हैं, उन पर भगवान की कृपा बनी रहती है। शंख और चक्र का चिह्न होने का अर्थ है कि आप पर विष्णु भगवान की कृपा है।


त्रिशूल का निशान होने पर यह संकेत मिलता है कि भोलेनाथ की कृपा आपके साथ है, और आपको सच्चा जीवन साथी मिलेगा। कमल का निशान धन की कमी को दर्शाता है, जिसका अर्थ है कि लक्ष्मी मां आप पर मेहरबान हैं।


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