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LIC ने इस डिफेंस पीएसयू में खरीदी हिस्सेदारी, स्टॉक अपने लो लेवल से 54% उठ चुका है, FII भी है स्टॉक पर बुलिश

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नई दिल्ली: डिफेंस सेक्टर की सरकारी कंपनी Mazagon Dock Shipbuilders के स्टॉक में सोमवार को गिरावट देखी गई. सुबह के कारोबार के दौरान से ही स्टॉक लाल निशान पर ट्रेड कर रहे हैं. ख़बर लिखे जाने तक भी कंपनी के शेयर 1.18 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 2,947 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे थे. लेकिन आने वाले समय में यह स्टॉक दिखा सकता है क्योंकि इस तिमाही में स्टॉक को LIC का सपोर्ट मिला है और उसने स्टॉक में हिस्सेदारी को खरीदा है. इसके अलावा, स्टॉक अपने लो लेवल से 54 प्रतिशत से ज़्यादा की तेज़ी दिखा चुका है.



LIC ने खरीदी हिस्सेदारीदेश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी और शेयरों में प्रमुख निवेशक, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने बताया है कि लेटेस्ट शेयरहोल्डिंग आंकड़ों के अनुसार, अब उसके पास सरकारी कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर हैं.



बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग डेटा के अनुसार, एलआईसी के पास अब मझगांव डॉक में 3.27% हिस्सेदारी है. कंपनी के मार्च शेयरधारिता आंकड़ों में एलआईसी का नाम लिस्टेड नहीं था, जिसका अर्थ है कि उस समय या तो उसके पास कोई शेयर नहीं था या उसकी हिस्सेदारी 1% से भी कम थी.



सरकार ने हाल ही में कंपनी में अपने 3.6% शेयर बेचे हैं, जिससे उसकी हिस्सेदारी 84.8% से घटकर 81.2% हो गई है. इस बिक्री के बाद भी, सरकार के पास नियमों के अनुसार, आवश्यक सार्वजनिक हिस्सेदारी सीमा 75% से 6.2% अधिक हिस्सेदारी है.



म्यूचुअल फंड की भी हिस्सेदारी बढ़ीकंपनी में म्यूचुअल फंड की भी हिस्सेदारी बढ़ी है. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, कंपनी में म्यूचुअल फंड ने जून 2025 तिमाही में हिस्सेदारी को 1.34% से बढ़ाकर 1.55% कर दिया है.



रिटेल इंवेस्टर्स की हिस्सेदारीमझगांव डॉक में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी अभी भी 9.34% है, जिसमें कोई बदलाव नहीं आया है. हालाँकि, इन छोटे निवेशकों की संख्या 6.58 लाख से बढ़कर 7 लाख हो गई है. रिटेल शेयरधारक वे व्यक्ति होते हैं जो 2 लाख रुपये तक का निवेश करते हैं. इनमें से ज़्यादातर ने कंपनी में सरकार की हालिया शेयर बिक्री (ऑफ़र फ़ॉर सेल या OFS) में हिस्सा नहीं लिया था.



FII भी है बुलिशकंपनी में इस तिमाही एफआईआई ने भी अपनी दिलचस्पी दिखाई है. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, एफआईआई ने जून 2025 तिमाही में हिस्सेदारी को 2.26% से बढ़ाकर 2.57% कर दी है.

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