आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी के बारे में बताने वाले हैं, जिसने एक बंजर जमीन से खेती की शुरुआत की और खेती करके 1 करोड़ रुपये के टर्नओवर का कारोबार शुरू किया. हम बात कर रहे हैं रीवा सूद के बारे में. रीवा ने खेती करना जब शुरू किया, तब उनके पति का कैंसर की बीमारी हुई. तमाम मुश्किलों और परेशानियों के बावजूद भी आज रीवा सूद खेती करके काफी अच्छी कमाई कर रही हैं. आइए जानते हैं रीवा सूद की सफलता की कहानी के बारे में.
पति को हुआ कैंसररीवा की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव तब आया, जब उनके पति राजीव सूद को आंत का कैंसर हुआ. रीवा के पति ने बताया कि उन्हें आंत का कैंसर रासायनिक खाद और कीटनाशकों के उपयोग से उगाई गई सब्जियों और फलों से हुआ है. ऐसे में रीवा को केमिकल फ्री खेती करने का आईडिया आया.
रीवा का जन्म हिमाचल प्रदेश में हुआ था लेकिन उनकी पढ़ाई लिखाई और नौकरी दिल्ली में थी. पति के कैंसर होने के बाद वह गांव लौट आए और यहां पर रीवा ने केमिकल फ्री खेती करने का फैसला लिया.
बंजर जमीन से उगाया सोनारीवा ने बंजर जमीन पर ड्रैगन फ्रूट उगाने का फैसला लिया. ड्रैगन फ्रूट एक कैक्टस की किस्म हैं. ऐसे में इसे पथरीली जमीन पर आसानी से उगाया जा सकता है. साथ में इसे उगाने के लिए पानी की भी आवश्यकता कम होती है. साल 2017 में रीवा ने गांव में 5 एकड़ की बंजर जमीन पर 2000 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाएं. रीवा ने प्राकृतिक उर्वरकों का इस्तेमाल किया और बंजर जमीन को उपजाऊ बना दिया. धीरे धीरे रीवा ने 70 एकड़ जमीन पर खेती करना शुरू किया. अब रीवा के खेत में 30,000 पेड़ हैं.
रीवा ने स्थानीय बाजार में 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ड्रैगन फ्रूट बेचा. साथ में प्राकृतिक जूस जैसे प्रोडक्ट भी बेचने शुरू किए. रीवा आज अपने इस कारोबार से सालाना 1 करोड रुपये का कारोबार कर रही हैं.
पति को हुआ कैंसररीवा की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव तब आया, जब उनके पति राजीव सूद को आंत का कैंसर हुआ. रीवा के पति ने बताया कि उन्हें आंत का कैंसर रासायनिक खाद और कीटनाशकों के उपयोग से उगाई गई सब्जियों और फलों से हुआ है. ऐसे में रीवा को केमिकल फ्री खेती करने का आईडिया आया.
रीवा का जन्म हिमाचल प्रदेश में हुआ था लेकिन उनकी पढ़ाई लिखाई और नौकरी दिल्ली में थी. पति के कैंसर होने के बाद वह गांव लौट आए और यहां पर रीवा ने केमिकल फ्री खेती करने का फैसला लिया.
बंजर जमीन से उगाया सोनारीवा ने बंजर जमीन पर ड्रैगन फ्रूट उगाने का फैसला लिया. ड्रैगन फ्रूट एक कैक्टस की किस्म हैं. ऐसे में इसे पथरीली जमीन पर आसानी से उगाया जा सकता है. साथ में इसे उगाने के लिए पानी की भी आवश्यकता कम होती है. साल 2017 में रीवा ने गांव में 5 एकड़ की बंजर जमीन पर 2000 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाएं. रीवा ने प्राकृतिक उर्वरकों का इस्तेमाल किया और बंजर जमीन को उपजाऊ बना दिया. धीरे धीरे रीवा ने 70 एकड़ जमीन पर खेती करना शुरू किया. अब रीवा के खेत में 30,000 पेड़ हैं.
रीवा ने स्थानीय बाजार में 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ड्रैगन फ्रूट बेचा. साथ में प्राकृतिक जूस जैसे प्रोडक्ट भी बेचने शुरू किए. रीवा आज अपने इस कारोबार से सालाना 1 करोड रुपये का कारोबार कर रही हैं.
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