आज के समय में महंगाई जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसके प्रभाव से बचने के लिए सही समय पर निवेश की शुरुआत करना जरूरी है। यदि आप भी निवेश के लिए किसी फंड की तलाश में है तो ऐसे फंड का चुनाव करें जो केवल हाई रिटर्न ही नहीं देता हो बल्कि आपके वित्तीय गोल को पूरा करने की क्षमता रखता हो। सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड ऐसे ही होते हैं जो केवल निवेश के लिए ही नहीं बल्कि आपके वित्तीय गोल को पूरा करने के लिए पैकेज में आते हैं चलिए इनके बारे में जानते हैं।
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड क्या होते हैं?इन फंड्स के माध्यम से इक्विटी, बॉन्ड्स, एफडी में निवेश किया जाता है। इन फंड में निवेश किसी वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया जाता है। जैसे रिटायरमेंट या हायर एजुकेशन आदि।
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड के प्रकार सेबी के अनुसार यह फंड दो प्रकार के होते हैं। जिनमें मुख्य रूप से रिटायरमेंट फंड और चिल्ड्रन फंड होता है। इन फंड्स की लॉक इन अवधि 5 साल की होती है। यानी 5 साल से पहले निवेशक इसमें से पैसे नहीं निकाल सकते हैं। वहीं रिटायरमेंट के लिए यदि निवेश किया जा रहा है तो इसकी लॉक इन अवधि 5 साल या फिर रिटायरमेंट की आयु तक हो सकती है।
क्यों है लाभदायक? सिचुएशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड इसलिए भी ज्यादा लाभदायक होते हैं क्योंकि इनकी लॉक इन अवधि 5 साल की होती है और निवेशक पैसे नहीं निकाल सकते। आपका निवेश लॉन्ग टर्म तक रहता है, जिससे आपको लॉन्ग टर्म में अच्छा मुनाफा मिलता है। यानी आप बीच में निवेश नहीं बंद कर सकते हैं। इन फंड्स में आप अपने रिस्क लेने की क्षमता, वित्तीय गोल और आयु के हिसाब से निवेश करते हैं। इन फंड्स में यदि युवा पैसा लगाते हैं तो ज्यादा पैसे इक्विटी में लगाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलता जाए। लेकिन यदि आपका वित्तीय गोल करीब आ रहा है तो इक्विटी का पैसा डेट में शिफ्ट किया जाता है ताकि आपका फंड और ज्यादा सुरक्षित रहे।
ये हैं नुकसान सिचुएशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड में निवेश करके आप अपने निवेश के प्रति अनुशासित रह सकते हैं। लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है जो आपको जरूर जानने चाहिए। जैसे यदि आपको इमरजेंसी में फंड की आवश्यकता है तो लॉक-इन पीरियड के कारण आप इसमें से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। इसके अलावा यदि मार्केट में गिरावट है तो भी आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसमें एसआईपी के माध्यम से निवेश किया तो जा सकता है लेकिन आम तौर पर 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत होती है।
ये लोग ना करें निवेश यदि आपको शॉर्ट टर्म में पैसों की आवश्यकता हो सकती है तो आप सिचुएशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड में निवेश नहीं करें। क्योंकि इन फंड में निवेश करने के लिए आपको लॉन्ग टर्म में पैसे लगाकर रखने पड़ेंगे। इनमें फ्लैक्सिबिलिटी थोड़ी कम रहती है। इसके अलावा से लोग जो जल्दी रिटायरमेंट के लिए निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं उनके लिए यह फंड बेस्ट विकल्प है। ताकि वे अनुशासित तरीके से अपना निवेश जारी रख सके।
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड क्या होते हैं?इन फंड्स के माध्यम से इक्विटी, बॉन्ड्स, एफडी में निवेश किया जाता है। इन फंड में निवेश किसी वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया जाता है। जैसे रिटायरमेंट या हायर एजुकेशन आदि।
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड के प्रकार सेबी के अनुसार यह फंड दो प्रकार के होते हैं। जिनमें मुख्य रूप से रिटायरमेंट फंड और चिल्ड्रन फंड होता है। इन फंड्स की लॉक इन अवधि 5 साल की होती है। यानी 5 साल से पहले निवेशक इसमें से पैसे नहीं निकाल सकते हैं। वहीं रिटायरमेंट के लिए यदि निवेश किया जा रहा है तो इसकी लॉक इन अवधि 5 साल या फिर रिटायरमेंट की आयु तक हो सकती है।
क्यों है लाभदायक? सिचुएशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड इसलिए भी ज्यादा लाभदायक होते हैं क्योंकि इनकी लॉक इन अवधि 5 साल की होती है और निवेशक पैसे नहीं निकाल सकते। आपका निवेश लॉन्ग टर्म तक रहता है, जिससे आपको लॉन्ग टर्म में अच्छा मुनाफा मिलता है। यानी आप बीच में निवेश नहीं बंद कर सकते हैं। इन फंड्स में आप अपने रिस्क लेने की क्षमता, वित्तीय गोल और आयु के हिसाब से निवेश करते हैं। इन फंड्स में यदि युवा पैसा लगाते हैं तो ज्यादा पैसे इक्विटी में लगाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलता जाए। लेकिन यदि आपका वित्तीय गोल करीब आ रहा है तो इक्विटी का पैसा डेट में शिफ्ट किया जाता है ताकि आपका फंड और ज्यादा सुरक्षित रहे।
ये हैं नुकसान सिचुएशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड में निवेश करके आप अपने निवेश के प्रति अनुशासित रह सकते हैं। लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है जो आपको जरूर जानने चाहिए। जैसे यदि आपको इमरजेंसी में फंड की आवश्यकता है तो लॉक-इन पीरियड के कारण आप इसमें से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। इसके अलावा यदि मार्केट में गिरावट है तो भी आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसमें एसआईपी के माध्यम से निवेश किया तो जा सकता है लेकिन आम तौर पर 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत होती है।
ये लोग ना करें निवेश यदि आपको शॉर्ट टर्म में पैसों की आवश्यकता हो सकती है तो आप सिचुएशन ओरिएंटेड म्युचुअल फंड में निवेश नहीं करें। क्योंकि इन फंड में निवेश करने के लिए आपको लॉन्ग टर्म में पैसे लगाकर रखने पड़ेंगे। इनमें फ्लैक्सिबिलिटी थोड़ी कम रहती है। इसके अलावा से लोग जो जल्दी रिटायरमेंट के लिए निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं उनके लिए यह फंड बेस्ट विकल्प है। ताकि वे अनुशासित तरीके से अपना निवेश जारी रख सके।
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