अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ घोषणाओं के बाद दुनिया भर के शेयर बाजार में त्राहिमाम मच गया. 7 अप्रैल 2025 का दिन कई देशों के लिए काला दिन साबित हुआ. ट्रंप के टैरिफ ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया. जिसके कारण निवेशकों में घबराहट और अनिश्चित का माहौल बढ़ा. जिसके परिणाम स्वरूप दुनिया के शेयर बाजारों में बड़े पैमाने पर बिकवाली शुरू हुई. भारत का तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शनआज भारतीय निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपये खाक हो गए. सेंसेक्स और निफ्टी ने दुनिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. भारतीय शेयर बाजार को हुए भारी नुकसान के बाद भी अन्य देशों को हुआ नुकसान तुलनात्मक रूप से भारत से कहीं ज्यादा है. टॉप पर हॉन्ग कोंगहॉन्ग कोंग ऐसे देश में टॉपर है, जिन्होंने सोमवार को सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज किया. हैंग सेंग इंडेक्स में 7 अप्रैल 2025 को आई 13.12% से 13.60% तक की गिरावट को हाल ही के वर्षों में इंट्रा डे में आई सबसे बड़ी गिरावट कहा जा रहा है. 1997 के एशियाई वित्तीय संकट के बाद आज सबसे बड़ी एकल-दिवसीय गिरावट दर्ज हुई. हांगकांग में आई बड़ी गिरावट के पीछे चीन पर लगे 34% का टैरिफ है. हांगकांग की अर्थव्यवस्था चीन पर निर्भर करती है. यहां बैंकिंग और तकनीकी क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. हैंग सेंग 23,000 के आसपास तक लुढ़क गया. इतना ही नहीं कई कंपनियों के शेयर्स 20% से ज्यादा कमजोर हो गए. ताइवान में सर्किट ब्रेकरताइएक्स इंडेक्स में सोमवार को 9.7% से 10% तक की गिरावट हुई. यहां निवेशकों के लिए भी आज ब्लैक मंडे साबित हुआ. यह इतिहास में सबसे बड़ी एकल-दिवसीय गिरावटों में से एक थी. बाजार की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ट्रेडिंग को अस्थाई रूप से रोकना पड़ा, यानी सर्किट ब्रेकर लागू किया. ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी TSMC के शेयर में भारी गिरावट आने के कारण शेयर बाजार में त्राहिमाम मच गया. जापान में भी दिखी भारी गिरावटअमेरिका के प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप ने जापान पर 24% टैरिफ लगाया. इसके अलावा ऑटोमोबाइल निर्यात पर संभावित खबरों ने बाजार को प्रभावित किया. इसलिए आज निक्केई 225 में 4.6% से 5% तक की गिरावट देखी दर्ज हुई. सनी टोयोटा जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट के कारण बाजार काफी नीचे आ गया. दक्षिण कोरिया में लोअर सर्किटदक्षिण कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 3% से 5% की गिरावट के कारण कुछ समय के लिए लोअर सर्किट लगा. हुंडई और सैमसंग जैसी कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली हुई. भारत में शेयर बाजार का हालसेंसेक्स 2,227 अंकों की गिरावट के साथ 73,138 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 3% से अधिक गिरकर 22,200 से नीचे बंद हुआ. भारत पर 26% टैरिफ का असर हुआ, लेकिन फार्मा, स्टील, और ऑटो सेक्टर को कुछ छूट मिलने से नुकसान अन्य देशों जितना गहरा नहीं था. अमेरिका, चीन यूरोप के यूके, जर्मनी, और फ्रांस के बाजारों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. क्या जवाबी टैरिफ लगाएगा भारत? ट्रंप के टैरिफ के कारण भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों को करोड़ों का नुकसान हुआ. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि भारत टैरिफ के प्रभावों का आकलन कर रहा है और जवाबी कदमों पर विचार करेगा. इसके अलावा ऐसा माना जा रहा है कि 7 अप्रैल से शुरू हुई भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की बैठक में ब्याज दरों पर फैसला ट्रंप के टैरिफ के असर को ध्यान में रख कर लिया जाएगा.
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