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अब शेयर के बदले मिलेगा ज्यादा लोन, पड़ोसी देशों में भी भारतीय रुपए का दबदबा बढ़ाने के लिए RBI ने दी खास मंजूरी

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देश की अर्थव्यवस्था में क्रेडिट के फ्लो को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने बड़ा फैसला लिया है। अब आप अपने शेयर को बैंक में गिरवी रखाकर पहले की तुलना में ज्यादा पैसा उधार ले सकते हैं। पहले यह लिमिट 20 लाख रुपए थी, जिसे बढ़ाकर अब 1 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसी तरह अगर आप नए शेयर खरीदने के लिए लोन (IPO फाइनेंसिंग) लेना चाहते हैं, तो पहले आपको ज्यादा से ज्यादा 10 लाख रुपए मिलते थे। इसे बढ़ाकर 25 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है।



RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने तीन दिन चली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) मीटिंग के बाद आज बताया कि ये कदम इसलिए उठाए गए हैं, ताकि ज्यादा लोग और कंपनियां आसानी से कर्ज ले सकें और देश की अर्थव्यवस्था अच्छी चले। ये उन पांच बड़े फैसलों में से एक है, जो RBI ने इस साल ब्याज दर कम करने के बाद लिए हैं, ताकि बैंक से कर्ज मिलना आसान हो जाए।



बैंकों को मर्जर और अधिग्रहण फाइनेंसिंग की मंजूरी

RBI ने एक बड़ा फैसला लिया है जिससे भारतीय बैंक अब देश की कंपनियों के विलय और अधिग्रहण यानी मर्जर और एक्विजिशन को फाइनेंस कर सकेंगे। इसका मतलब है कि अब बैंक कंपनियों को इस तरह के बड़े कारोबार के लिए पैसा देंगे। इससे बैंकिंग सिस्टम मजबूत होगा और डील फाइनेंसिंग निजी सोर्स की जगह बैंकों से होने लगेगी। यह बैंकिंग सेक्टर के लिए एक बहुत बड़ा सहारा माना जा रहा है।



रेपो रेट स्थिर, GDP और महंगाई के अनुमान में बदलाव

RBI ने इस बार अपनी रेपो रेट को यथावत यानी बिना बदले रखा, जैसा कि बाजार को उम्मीद थी। लेकिन गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक ग्रोथ यानी GDP बढ़ोतरी का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है। इसका मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था इस साल थोड़ी तेजी से बढ़ेगी। इसके साथ ही महंगाई यानी CPI (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) की दर को भी घटाकर 3.1% से 2.6% कर दिया गया है, जिससे महंगाई कम होने की उम्मीद है। आरबीआई ने कहा है कि मौद्रिक नीति में और बदलाव करने का मौका है, ताकि इकोनॉमिक डेवलपमेंट को और बढ़ावा दिया जा सके।



पड़ोसी देशों को रुपए में लोन देने की अनुमति

इसके अलावा RBI ने भारतीय रुपए के वैश्विक इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कुछ नए कदम सुझाए हैं। इनमें यह शामिल है कि अब भारतीय बैंक पड़ोसी देशों की कंपनियों को रुपए में लोन दे सकेंगे। इससे सीमा-पार व्यापार और आसान हो जाएगा। इसके साथ ही, RBI प्रमुख व्यापारिक देशों की करेंसी के लिए ऑफिशियल एक्सचेंज रेट्स तय करेगा, जिससे करेंसी के लेन-देन में पारदर्शिता बढ़ेगी। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि रुपए को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। प्रस्तावित बदलावों के तहत, भारतीय बैंक भूटान, नेपाल और श्रीलंका के नॉन-रेजिडेंट को रुपए में लोन दे सकेंगे। यह कदम सीमा-पार व्यापार को सरल और तेज बनाने में मदद करेगा।

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