भारतीय क्रिकेट के दिग्गज चेतेश्वर पुजारा ने रविवार को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, यह वही खिलाड़ी है जिसने भारत को कई मुश्किल परिस्थितियों से बहार निकालकर जीत का स्वाद भारत को चखाया था। पुजारा ने हाल ही में खुलासा किया की वह रणजी ट्रॉफी का एक सीजन और खेलना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने तुरंत ही संन्यास का फैसला ले लिया।
उन्होंने लगभग एक हफ्ते तक संन्यास लेने पर विचार किया। उनका मानना है की वह रणजी ट्रॉफी न खेले जिससे उनकी जगह किसी युवा खिलाड़ी को दी जाए, जिससे खेल में युवाओं को ज्यादा मौके मिलेंगे।
रिटायरमेंट की घोषणा के बाद किया खुलासापुजारा ने घोषणा के बाद स्पोर्ट्स तक से कहा, “यह मेरा निजी फैसला था और मैंने तय किया कि यही सही समय है, खासकर जब युवा खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में मौके मिलने चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “पहले मुझे लगा था कि शायद मैं इस रणजी सीजन में खेलूंगा, लेकिन फिर मुझे लगा कि अगर युवा खिलाड़ियों को मौका मिलेगा, तो वे जल्दी तैयार हो जाएंगे। इसलिए यह मेरा निजी फैसला था। पिछले कुछ सालों के बारे में, जब मैं भारतीय टीम का हिस्सा नहीं था, मैं ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता।”
पुजारा ने भारत के लिए कुल 103 टेस्ट मैच में 7000 से ज्यादा रन बनाये है, जिसमें 19 शतक और 35 अर्ध शतक शामिल है। भारत के लिए पुजारा ने 5 वनडे के मुकाबले खेले, लेकिन वह टी 20 डेब्यू नहीं कर पाए। लगभग एक हफ्ते तक, मैं सोचता रहा कि यही सही समय है। इसलिए आज, जब मैंने यह फैसला लिया।
तो यह मेरे और मेरे पूरे परिवार के लिए काफी गर्व का पल था। इस दिन, मैं अपने सभी साथियों, अपने कोचों और उन सभी सहयोगी कर्मचारियों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिनके साथ मैंने काम किया, क्योंकि यह मेरे लिए गर्व का पल है। बचपन से ही, जब मैं छोटा था, भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करना हमेशा से मेरा सपना रहा है कि मैं भारत के लिए खेलूं।
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