स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर की जोड़ी के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने न्यूज़ीलैंड की महिला क्रिकेट टीम को तीसरे वनडे मैच में छह विकेट से हरा दिया.
न्यूज़ीलैंड के 232 रन के जवाब में भारत ने चार विकेट पर 236 रन बनाकर मैच जीता. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने तीन मैचों की वनडे सिरीज भी 2-1 से जीत ली है.
इस सिरीज में भारत ने पहला मैच जीता जरूर था, पर यह जीत गेंदबाजों के प्रयास से मिली थी.
टीम दूसरा वनडे मैच हार गई थी. पहले दोनों मैचों में स्मृति मंधाना का रंगत में नहीं होना भारतीय टीम को खल रहा था. लेकिन तीसरे वनडे मैच में मंधाना ने शतकीय पारी खेल कर शानदार वापसी की.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ करें. स्मृति सबसे ज़्यादा शतक बनाने वाली भारतीय महिला क्रिकेटरस्मृति मंधाना का यह वनडे करियर का आठवां शतक है और वह इसके साथ ही भारत के लिए सर्वाधिक वनडे शतक लगाने वाली महिला क्रिकेटर बन गई हैं.
उन्होंने इस शतक से पूर्व कप्तान मिताली राज को पीछे छोड़ा है.
मंधाना ने न्यूज़ीलैंड की स्पिनर कार्सन पर एक रन लेकर अपना शतक पूरा किया. उन्होंने शतक पूरा करने में 121 गेंदों में दस चौके लगाए.
वह 82.64 की स्ट्राइक रेट से खेलीं. मंधाना का शतक पूरा होने के बाद एकाग्रता भंग हुई और इस वजह से वह हन्ना रो की गेंद पर बोल्ड हो गई. मंधाना ने 122 गेंदों पर 100 रन की पारी खेली.
मंधाना ने पहले दो मैचों में पांच और शून्य स्कोर बनाया था. वह दोनों ही मौकों पर बड़े शॉट खेलने के प्रयास में कैच आउट हुई थीं. पर इस मैच में उन्होंने बहुत ही संयम के साथ बल्लेबाजी की और एक-एक रन लेकर अपनी पारी को आगे बढ़ाने का प्रयास किया.
उन्होंने जमने के बाद खुलकर हाथ भी दिखाए. यह उनकी पारी में शामिल 10 चौकों से ज़ाहिर होता है.
मंधाना ने मैच में 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुने जाने पर कहा,'' सिरीज जीतने से बहुत खुश हूं. पिछले एक-डेढ़ माह खासे मुश्किल रहे हैं. पिछले दो मैच अच्छे नहीं रहे. इस पारी की खास बात खुद पर नियंत्रण के साथ खेलना रहा. आप हर मैच में एक सा नहीं खेल सकते हैं पर टीम के लिए रन बनाना जरूरी होता है. मैं पहले 10 ओवर में संयमित होकर खेली पर बाद में स्वाभाविक खेल खेली.''
मंधाना के अलावा भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत ने भी इस मैच में शानदार बल्लेबाज़ी की.
वह जब बल्लेबाज़ी करने उतरीं तब टीम का स्कोर दो विकेट पर 92 रन था. टीम की मज़बूत स्थिति को भांपते हुए उन्होंने आते ही अपने शॉट खुलकर खेलने का प्रयास किया.
इसका ही परिणाम था कि भारत की रन गति ने एकदम से रफ़्तार पकड़ ली.
हरमनप्रीत के आने से पहले तक भारत चौके कम ही लगा रहा था पर उनके आते ही चौकों की बरसात होने लगी. इसका ही परिणाम था कि न्यूज़ीलैंड टीम मैदान में दवाब में नजर आने लगी.
न्यूज़ीलैंड टीम को आमतौर उम्दा फील्डिंग करने के तौर पर जाना जाता है. पर कहते हैं कि सही परख दवाब में होती है और इस स्थिति में उनकी खिलाड़ियों के हाथ के नीचे से गेंद सीमा रेखा के पार जाती कई बार दिखी. यही नहीं कुछ कैच भी छूटे.
इस दौरान मंधाना और हरमनप्रीत ने करीब 19 ओवरों की साझेदारी में 117 रन जोड़ लिए.
पहले स्मृति और फिर जेमिमा का साथ छूटने पर भी हरमनप्रीत विचलित नहीं हुईं और आखिर तक विकेट पर डटे रहकर टीम को जीत दिलाकर ही दम लिया. उन्होंने ही चौका लगाकर टीम को जीत दिलाई.
हरमनप्रीत ने छह चौकों से नाबाद 59 रन की पारी खेली. हरमनप्रीत ने भारत के सिरीज जीतने पर कहा, ''मैं परिणाम से बहुत खुश हूं. हमने मैच से पहले कहा था कि बहुत सी बातों पर चर्चा की है और खुशी इस बात की है कि हम इन बातों को अमल में लाने में सफल रहे.''
दीप्ति शर्मा ने भारत की तमाम जीतों में अहम भूमिका निभाई है. वह टीम की प्रमुख ऑलराउंडर हैं.
कुछ समय पहले महिला विश्व कप में उनके नहीं चल पाने की वजह से ही भारत की चुनौती जल्दी टूट गई थी. दीप्ति ने इस सीरीज में 56 रन बनाने के अलावा छह विकेट लिए और चार कैच भी पकड़े.
इस मैच में दीप्ति ने विकेट के हिसाब से अपनी गेंदबाजी की गति रखकर न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाजों को लगातार परेशान किए रखा.
वह इस मैच में भारत की सबसे सफल गेंदबाज रहीं. उन्होंने 10 ओवरों में 39 रन देकर तीन विकेट निकाले. दीप्ति ने मुश्किल बन रही जोड़ी ब्रुक हैलिडे (86) और ईसाबेल गेज (25) की जोड़ी को तोड़ा.
न्यूज़ीलैंड ने 88 रनों पर पांच विकेट खो दिए थे. लेकिन हैलिडे और गेज की जोड़ी ने 64 रन की साझेदारी बनाने के दौरान खासा आक्रामक रुख़ अपना लिया था. पर दीप्ति ने दोनों को ही वापस भेजकर पारी को लंबा जाने से रोक दिया.
दीप्ति दूसरे मैच के दौरान ही आईसीसी महिला वनडे रैंकिंग में दूसरे स्थान पर आ गई थीं और इस मैच में शानदार प्रदर्शन ने उन्हें इससे प्रेरणा मिली है.
वह अब वनडे रैंकिंग में एकलिस्टोन से पीछे हैं. पर दोनों के बीच 83 अंकों का अंतर है.
प्रिया मिश्रा ने दूसरे वनडे में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी. पर वह अपने दूसरे ही मैच में पूरे भरोसे के साथ गेंदबाजी करती नजर आई.
उन्होंने कप्तान सोफी डिवाइन को बोल्ड करके दिखाया कि उनकी गेंदबाजी में कितना पैनापन है. इसके अलावा उन्होंने ओपनर प्लिमर का विकेट निकाला. इन झटकों की वजह से ही न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी दवाब में खेलती दिखी.
प्रिया मिश्रा ने इस साल अगस्त माह में ऑस्ट्रलिया ए के खिलाफ भारत ए से खेलते हुए 14 रन पर पांच विकेट निकालकर अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाया था और यह प्रदर्शन ही उन्हें भारतीय टीम में स्थान दिलाने वाला रहा है.
भारतीय महिला टीम ने इस जीत से पिछली सिरीज में किए खराब प्रदर्शन का हिसाब भी किसी हद तक पूरा कर दिया है. पिछली पांच वनडे मैचों की सिरीज में न्यूजीलैंड ने पहले चार मैचों को जीतकर भारत की हालत दयनीय कर दी थी. तब भारत आखिरी मैच जीतकर किसी तरह अपनी इज्जत बचा सका था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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