भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने छह अरब पाउंड की फ्री ट्रेड डील पर हस्ताक्षर किए हैं.
इस समझौते के तहत ब्रिटेन की कार और व्हिस्की भारत में सस्ती होंगी. वहीं भारत के कपड़े और गहने ब्रिटेन में सस्ते होंगे.
भारत और ब्रिटेन दोनों ही इस ट्रेड डील से फायदा होने की उम्मीद जता रहे हैं.
लेकिन सवाल ये है कि आखिर इस डील से किसे ज्यादा फायदा होगा?
पीएम मोदी ने ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि इस डील की मदद से भारतीय कपड़ों, जूते-चप्पल, आभूषण, सी फूड और इंजीनियरिंग से जुड़ी वस्तुओं को ब्रिटेन के बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी.
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि इस डील के कारण भारतीयों की ब्रिटेन में बने उत्पादों तक पहुंच बढ़ेगी और वे मेडिकल डिवाइस और एयरोस्पेस पार्ट्स को किफायती दामों पर हासिल कर पाएंगे.
वहीं पीएम स्टार्मर ने डील को ब्रिटेन के लिए जीत बताया है. उन्होंने कहा है कि इस डील की वजह से ब्रिटेन में 2,200 से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी.
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने रक्षा, शिक्षा, जलवायु और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है.
भारत को क्या फायदा होगा?इस हफ्ते की शुरुआत में ही मोदी कैबिनेट ने भारत-ब्रिटेन ट्रेड डील को मंजूरी दे दी थी. लेकिन इस डील को अभी ब्रिटेन की संसद की मंजूरी मिलना बाकी है और इसके प्रभावी होने में कम से कम एक साल का वक्त लग सकता है.
भारत-ब्रिटेन के बीच ट्रेड डील में तीन साल का वक्त लगा है. दिल्ली-स्थित थिंकटैंक, रिसर्च एंड इन्फ़र्मेशन सिस्टम फॉर डिवेलपिंग कंट्रीज़ (आरआईएस) के महानिदेशक बिस्वजीत धर का मानना है कि बाकी विकसित देशों के मुकाबले भारत, ब्रिटेन के साथ काफी जल्दी इस डील को साइन करने में कामयाब रहा है.
बिस्वजीत धर ने समझौते पर मुहर लगने में तीन साल बीतने की वजह बताते हुए कहा, "भारत में काफी छोटे किसान और व्यापारी हैं, वो इस तरह की ट्रेड से असहज और असुरक्षित महसूस करते हैं. सरकार को उन्हें समझाने और मनाने में काफी वक्त लगता है. इसलिए भारत को दूसरे देशों के साथ ट्रेड डील करने में ज्यादा वक्त लगता है."
बिस्वजीत धर ने कहा, "बाकी बड़े देशों के साथ ट्रेड डील करने में हमें जितना वक्त लगा है उसकी तुलना में ये ट्रेड डील काफी कम वक्त में हुई है. यूरोपियन यूनियन के साथ हम 18 साल से ट्रेड डील करने की कोशिश कर रहे हैं. बड़े देशों के साथ ट्रेड डील करने में हमें काफी समय लग रहा है."
हालांकि समझौते के मुताबिक भारत से ब्रिटेन निर्यात होने वाले कई उत्पादों पर टैरिफ कम होगा. इनमें कपड़े और जूते शामिल हैं.
- भारत और ब्रिटेन के बीच ट्रेड डील से क्या सस्ता होगा, जानिए इस ऐतिहासिक समझौते की 5 बड़ी बातें
- अमेरिका, ब्रिटेन नहीं इस देश का पासपोर्ट है सबसे ताक़तवर, भारत कितना मज़बूत
- एक पासवर्ड से कैसे डूब गई 150 साल पुरानी कंपनी और 700 लोग हो गए बेरोज़गार

इस डील से भारत से ब्रिटेन में निर्यात होने वाले खाने और फ्रोजन प्रॉन्स पर लगने वाले टैरिफ में भी कटौती होगी.
इसके अलावा कारों के निर्यात पर भी टैरिफ कम लगेगा. इस ट्रेड डील से भारत के इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के लिए ब्रिटेन के बाजार तक पहुंच मिलने की भी उम्मीद है.
ब्रिटेन भारत से करीब 11 अरब पाउंड (करीब 1285 अरब रुपये) का सामान आयात करता है. टैरिफ कम होने की वजह ब्रिटेन में भारतीय निर्यात सस्ता हो जाएगा. जानकारों के मुताबिक ट्रेड डील से ब्रिटेन का भारत से आयात बढ़ सकता है.
आईसीआरए लिमिटेड की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर के मुताबिक भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड अग्रीमेंट (एफटीए) से दोनों देशों के बीच व्यापर संबंध मजबूत होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा, "बीते एक दशक में ब्रिटेन के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस मामूली रूप से बढ़ा है. एफटीए से कपड़ा, मेटल, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट, इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रोनिक प्रोडक्ट, स्पोर्ट्स से जुड़े सामान और चमड़े समेत विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात के अवसरों में बढ़ोतरी होगी."
"टैरिफ के कम होने की वजह से भारतीय उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा. मेटल, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, अल्कोहलिक पेय पर्दाथों और कॉस्मेटिक क्षेत्रों से जुड़े भारतीयों को भी इससे फायदा मिलेगा."
क्या भारत में रोज़गार बढ़ेगा?ब्रिटेन में भारत से सोने-हीरे के आभूषण, कपड़ों और चमड़े के सामान के आयात पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा.
ब्रिटेन बासमती चावल, झींगा, मसालों और चाय पर आयात शुल्क में भी कटौती करेगा. इससे भारतीय निर्यातकों की ब्रिटेन के बाजारों तक पहुंच बढ़ेगी.
बिस्वजीत धर कहते हैं कि भारत इस ट्रेड डील से काफी फायदे की उम्मीद कर रहा है. उन्होंने कहा, "ब्रिटेन ने भारत के साथ निर्यात को लगभग खत्म ही कर दिया है. खिलौने और कपड़े से जुड़े क्षेत्रों में भारत को फायदा मिलने की उम्मीद है. इन सेक्टर में निर्यात बढ़ने की उम्मीद है. इससे रोजगार में बढ़ोतरी होगी. ये हमारी सबसे बड़ी जरूरत है. क्योंकि जब तक रोजगार नहीं बढ़ेगा, तब तक आय में इजाफा नहीं होगा."
हालांकि अर्थशास्त्री शरद कोहली का मानना है कि ये कहना अभी जल्दबाजी होगा कि इस डील से भारत को कितना फायदा होगा.
उन्होंने कहा, "ये डील हो तो गई है. लेकिन अभी इसे ब्रिटेन की संसद में पास होना है. वहां इसका विरोध हो रहा है. वहां की विपक्षी पार्टी इसका विरोध कर रही है. ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है. लोग वहां सामान खरीद नहीं रहे हैं, क्योंकि उनके पास खरीदारी के लिए पैसे नहीं है."
सर्विस सेक्टर में क्या बदलेगा?
पीएम मोदी ने इस डील से दोनों देशों के सर्विस सेक्टर को फायदा होने की उम्मीद जताई है.
उन्होंने कहा, "इस डील से दोनों देशों के सर्विस सेक्टर को फायदा होगा. खासकर टेक्नोलॉजी और फाइनेंस के सेक्टर में. इससे व्यापार में आसानी होगी और व्यापार करने की लागत भी कम होगी. इन समझौतों से दोनों देशों में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे."
अदिति नायर के मुताबिक भारत को ब्रिटेन के सर्विस सेक्टर खासकर आईटी और एजुकेशन क्षेत्रों में फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की इन क्षेत्रों के प्रति प्रतिबद्धताओं से भारत को लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा, "भारतीय श्रमिकों को तीन सालों के लिए सामाजिक सुरक्षा भुगतानों से छूट मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा डील से ब्रिटेन में भारतीय कॉर्पोरेट्स को भी काफी लाभ होने की उम्मीद है."
वहीं बिस्वजीत धर कहते हैं, "भारतीय श्रमिकों को तीन सालों के लिए सामाजिक सुरक्षा भुगतानों से छूट मिलने से उनका खर्चा कम होगा. इससे वहां जाने वाले या वहां रहने वाले भारतीयों को फायदा हो सकता है.
"ब्रिटेन का सर्विस सेक्टर काफी बड़ा है. ब्रिटेन चाहता भी है कि सर्विस सेक्टर में और भारतीय वहां आएं. मुझे उम्मीद है कि ट्रेड अग्रीमेंट से भारतीय युवाओं को वहां नौकरियां मिलेंगी."
क्या ब्रिटेन को होगा फायदा?ब्रिटिश सरकार उम्मीद कर रही है कि कई सालों के बाद हुई डील से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को 4.8 अरब पाउंड यानी करीब 560 अरब रुपये का फायदा हो सकता है.
ब्रिटेन से आयात पर भारत में औसतन 15 फीसदी टैरिफ लगता था जो इस डील के बाद घटकर तीन फीसदी रह जाएगा. टैरिफ कम होने की वजह से ब्रिटेन की कंपनियों के लिए भारत में व्यापार करने के ज्यादा अवसर पैदा होंगे.
भारत में ब्रिटेन से व्हिस्की के आयात पर पहले 150 फीसदी टैरिफ लगता था जो अब घटकर 75 फीसदी रह जाएगा. इससे दूसरी विदेशी कंपनियों के मुकाबले ब्रिटेन की कंपनियों को भारत में व्हिस्की बेचने के मामले में फायदा हो सकता है.
ब्रिटेन को इस ट्रेड डील से क्या फायदा होगा, इस सवाल पर बिस्वजीत धर कहते हैं, "अर्थव्यवस्था के मामले में ब्रिटेन, भारत से पीछे हो गया है. ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ना है तो उसे बड़े मार्केट की तलाश है. चीन को छोड़कर इंडिया जैसा बड़ा मार्केट कहीं और है नहीं. ब्रिटेन को कई सेक्टर में फायदा मिलने वाला है. एक सेक्टर की बात करें तो हम सबसे ज्यादा फायदा ब्रिटेन के ऑटोमोबाइल सेक्टर को होगा."
क्या किसी तीसरे देश को होगा नुकसान?इस साल की शुरुआत में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही दुनिया में ट्रेड वॉर की शुरुआत हुई है.
शरद कोहली का मानना है कि ट्रेड वॉर की वजह से भी भारत और ब्रिटेन के बीच ट्रेड डील जल्दी हुई है.
उन्होंने कहा, "ट्रंप के ट्रेड वॉर छेड़ने की वजह से दुनिया में अर्थव्यवस्था उथल-पुथल हो गई है. लेकिन उसका फायदा ये हुआ है कि बाकी देश अपनी डील को जल्दी पूरा कर रहे हैं. दुनिया के बाकी देशों को लगता है कि अमेरिका जो धमकियां दे रहा है उसकी वजह से उन्हें जो नुकसान हो सकता है उसकी भरपाई वो दूसरे देशों के साथ डील से कर लेंगे."
जानकार भारत और ब्रिटेन के बीच ट्रेड डील का असर चीन पर पड़ने का भी अनुमान लगा रहे हैं.
शरद कोहली का कहना है कि इस ट्रेड डील के भारत और चीन के व्यापार संबंध पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन चीन को ब्रिटेन के साथ व्यापार में नुकसान झेलना पड़ सकता है.
उन्होंने कहा, "भारत और ब्रिटेन का जितना द्विपक्षीय व्यापार है, उससे दोगुना चीन और ब्रिटेन का द्विपक्षीय व्यापार है. चीन का बहुत सारा सस्ता सामान ब्रिटेन जाता है, जिनमें कपड़े भी शामिल हैं. लेकिन भारत से कपड़ा और फुटवेयर सामान वहां जाएगा तो उस पर टैरिफ नहीं लगेगा. इसलिए चीन को कड़ी चुनौती मिलने वाली है."
"लेकिन भारत और चीन के ट्रेड पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है. भारत और चीन का ट्रेड लगातार बढ़ रहा है. ये डील हो या नहीं हो, भारत और चीन के बीच व्यापार में बढ़ोतरी होते हुए दिखाई दे रही है."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, और व्हॉट्सऐप पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)
- बीबीसी से बोले ट्रंप- पुतिन से निराश ज़रूर हूँ लेकिन रिश्ते ख़त्म नहीं हुए हैं
- जब दुबई तकरीबन भारत का हिस्सा बन गया था
- विजय माल्या भारत लौटने और ख़ुद को भगोड़ा कहे जाने के बारे में क्या बोले?
You may also like
वाह ˏ रे लोग वह मदद की गुहार लगाता रहा लेकिन लोग वीडियो बनाते रहे, ट्रेन से गिरने के बाद जख्मी युवक ने तड़पकर अपना दम तोड़ दिया
थाइराइड ˏ का इलाज आसान: रोज 21 दिन लें ये पत्तियां और पाएं स्थायी राहत
किसान ने सांप को काटकर किया अनोखा काम, जानिए पूरी कहानी
देवरानी-जेठानी ˏ पति को छोड़ अपने-अपने आशिकों संग भागीं, मासूम ने खोली राज की परतें
ग़ज़ा में हर तीन में से लगभग एक शख़्स कई दिनों से भूखा है: संयुक्त राष्ट्र