हरियाणा पुलिस ने दावा किया है कि राज्य के फ़रीदाबाद ज़िले में हथियारों के साथ बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है.
पुलिस के मुताबिक़ बीते 15 दिनों से हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर का संयुक्त अभियान चल रहा था जो अब भी जारी है. इसी के तहत एक किराए के मकान से ये हथियार और ज्वलनशील सामग्री पकड़ी गई.
पुलिस ने दावा किया कि कई ऐसी चीज़ें ज़ब्त की गई हैं जिनका इस्तेमाल आईईडी यानी बड़े विस्फोटक बनाने में हो सकता था.
फ़रीदाबाद के पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमारने पत्रकारों से कहा, ''फ़रीदाबाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच के दौरान बड़ी मात्रा में आईईडी बनाने का सामान और गोला-बारूद बरामद हुआ है."
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उन्होंने कहा, "तीन मैगज़ीन और 83 लाइव राउंड के साथ एक असॉल्ट राइफ़ल, आठ लाइव राउंड वाली एक पिस्टल, दो ख़ाली कारतूस, दो अतिरिक्त मैगज़ीन, आठ बड़े सूटकेस, चार छोटे सूटकेस और एक बाल्टी मिली है.''
''इसके अलावा लगभग 360 किलोग्राम ज्वलनशील सामग्री बरामद हुई है. इसके अमोनियम नाइट्रेट होने का संदेह है. 20 टाइमर बैटरी के साथ, 24 रिमोट, क़रीब 5 किलोग्राम भारी धातु, वॉकी-टॉकी सेट, बिजली के तार, बैटरियां और अन्य प्रतिबंधित सामग्री बरामद हुई है. यह आरडीएक्स नहीं है. एक असॉल्ट राइफ़ल बरामद हुई है जो एके-47 जैसी दिखती है.''
उन्होंने कहा, "एक आरोपी डॉक्टर मुज़म्मिल को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ़्तार अभियुक्त यहां अल-फ़ला यूनिवर्सिटी में काम करता था."
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इसके अलावा पुलिस ने एक स्थानीय स्थानीय शख़्स को भी हिरासत में लिया है.
एएनआई से बात करते हुए शख़्स की पत्नी ने कहा, "पुलिस इमाम साहब को पकड़ के ले गई. मुझे नहीं पता उनको क्यों ले गई. इससे पहले पुलिस कभी हमारे घर नहीं आई. इमाम साहब पिछले 20 सालों से मस्जिद में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉक्टर भी यहां रोज़ नमाज़ पढ़ने आते थे. वो कश्मीर के रहने वाले हैं."
बीजेपी के नेता गिरिराज सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जो लोग कहते हैं कि आतंक का कोई मज़हब नहीं होता, मैं उनसे पूछता हूं कि जब भी इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं तो एक ही संप्रदाय के लोग क्यों पकड़े जाते हैं."
इस मामले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस प्रमुख एसपी वैद ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि ये किसी "मुझे लगता है कि वे देश के अंदर किसी बड़ी आतंकी कार्रवाई की तैयारी कर रहे थे. इसी वजह से इतनी बड़ी बरामदगी हुई है जिसमें अमोनियम नाइट्रेट या दूसरी चीज़ें हैं."
रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड कैप्टन अनिल गौड़ ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में दावा किया कि 27 अक्तूबर को श्रीनगर में हिज़्बुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर मिले थे, जिसके बाद पता चला कि डॉक्टर आदिल अहमद नाम के एक शख़्स ने ही ये पोस्टर लगाए थे.
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