एक ऐतिहासिक जीत के बाद अब रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे. एक बार फिर वो भारी बहुमत के साथ व्हाइट हाउस जा रहे हैं.
डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के साथ ट्रंप का बेहद कड़ा माना जा रहा था, लेकिन चुनाव के बाद के नतीजों में ट्रंप को जीतने के लिए पर्याप्त वोट मिल चुके हैं.
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 130 से अधिक सालों में पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं जो दोबारा ये पद संभालने जा रहे हैं.
साथ ही, 78 साल की उम्र में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने वाले वो सबसे उम्रदराज व्यक्ति होंगे.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिएडोनाल्ड ट्रंप को पहले ही दुनिया के कई देशों के नेताओं ने चुनाव जीतने की बधाई दे दी है.
इन नेताओं में इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर शामिल हैं.
इससे पहले, कुछ स्विंग स्टेट्स में बेहद क़रीबी मुकाबले के कारण नतीजों में अनिश्चितता की आशंका थी, लेकिन नॉर्थ कैरोलाइना, जॉर्जिया, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन में उम्मीद से पहले हुई जीत और रिपब्लिकन राज्यों में कामयाबी ने ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए ज़रूरी 270 इलेक्टोरल वोट दिलाए.
ऐसे में साफ़ है कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद को डोनाल्ड ट्रंप ही संभालने जा रहे हैं.
अमेरिका में बीबीसी के ब्रॉडकास्टिंग पार्टनर सीबीएस ने चुनाव के अगले ही दिन डोनाल्ड ट्रंप को विजेता बता दिया था.
हालांकि, इसके बाद भी हर राज्य में विस्तृत चुनावी नतीजों की आधिकारिक पुष्टि में कुछ दिन या हफ्ते लग सकते हैं.
क्या डोनाल्ड ट्रंप अभी अमेरिका के राष्ट्रपति हैं? BBCनहीं, ऐसा नहीं है. अभी डोनाल्ड ट्रंप, प्रेसिडेंट-इलेक्ट (निर्वाचित राष्ट्रपति) हैं. साथ ही उनके सहयोगी जेडी वेंस वाइस-प्रेसिडेंट इलेक्ट (निर्वाचित उपराष्ट्रपति) बन गए हैं.
ट्रंप का राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी 2025 को होगा, जिसके बाद वो आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति पद की शक्ति हासिल कर पाएंगे और जिम्मेदारियां संभालेंगे.
जब हर मान्य वोट अंतिम परिणाम में शामिल हो जाता है, तो एक प्रक्रिया होती है जिसे इलेक्टोरल कॉलेज कहा जाता है, जो चुनाव के नतीजों की पुष्टि करता है.
हर राज्य में इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की संख्या अलग-अलग होती है, जिन्हें जीतने की कोशिश उम्मीदवार करते हैं. राष्ट्रपति पद की जीत सुनिश्चित करने के लिए केवल वोटरों का समर्थन ही नहीं, बल्कि इन इलेक्टोरल कॉलेज वोटों को भी जुटाना ज़रूरी होता है.
आमतौर पर, हर राज्य अपने सभी इलेक्टोरल कॉलेज वोट उसी उम्मीदवार को देता है, जो वहां जनमत हासिल करता है. और इसकी पुष्टि 17 दिसंबर को होने वाली बैठकों के बाद की जाती है.
इसके बाद, 6 जनवरी को नई यूएस कांग्रेस की बैठक होती है, जिसमें इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती की जाती है और नए राष्ट्रपति की आधिकारिक पुष्टि की जाती है.
पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद इसी कांग्रेस की बैठक थी, जिसका मकसद चुनाव नतीजों की पुष्टि करना था, जिसे ट्रंप के समर्थकों ने रोकने की कोशिश की थी.
उस वक्त, यानी 2021 में, ट्रंप ने जो बाइडन से हार मानने से इनकार कर दिया था और उनके समर्थकों ने यूएस कैपिटल में हंगामा किया था.
Getty Images 6 जनवरी 2021 को ट्रंप समर्थक चुनाव नतीजों की आधिकारिक पुष्टि को रोकने की कोशिश के लिए यूएस कैपिटल हिल्स के बाहर जमा हुए थेप्रेसिडेंट-इलेक्ट (निर्वाचित राष्ट्रपति) डोनाल्ड ट्रंप और वाइस-प्रेसिडेंट इलेक्ट (निर्वाचित उपराष्ट्रपति) जेडी वेंस अब अपनी ट्रांजिशन टीम के साथ मिलकर राष्ट्रपति बाइडन के प्रशासन से सत्ता के हस्तांतरण की योजना बनाएंगे.
ये दोनों अपनी नीतियों से जुड़ी प्राथमिकताओं की पहचान करेंगे, नई प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने वाले उम्मीदवारों की जांच शुरू करेंगे, और सरकार के कामकाज की जिम्मेदारी संभालने की तैयारी करेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी ब्रीफिंग्स भी लेना शुरू करेंगे, जिसमें मौजूदा ख़तरों और चल रहे सैन्य अभियानों की जानकारी शामिल होगी.
प्रेसिडेंट-इलेक्ट और वाइस-प्रेसिडेंट इलेक्ट को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस से सुरक्षा भी मिलनी शुरू हो जाती है.
चुनाव के बाद के दिनों में आमतौर पर मौजूदा राष्ट्रपति, निर्वाचित राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस में आमंत्रित करते हैं. मौजूदा राष्ट्रपति आमतौर पर सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का प्रतीक बनने के लिए शपथ ग्रहण समारोह में भी भाग लेते हैं, हालांकि ट्रंप ने 2020 में इस समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया था.
इसके बावजूद, उन्होंने रोनाल्ड रीगन के समय शुरू की गई परंपरा का पालन करते हुए ओवल ऑफिस में अपने उत्तराधिकारी के लिए हाथ से लिखा एक नोट छोड़ा था.
उस वक्त, राष्ट्रपति बाइडन ने पत्रकारों से कहा था कि उनसे पहले के राष्ट्रपति ने "एक बेहद विनम्र लेटर" छोड़ा था.
शपथ ग्रहण के बाद, नए राष्ट्रपति तुरंत काम शुरू कर देते हैं.
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